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INX मीडिया मामला: अदालत ने कहा- हलफनामा देकर सरकारी दस्तावेजों के स्त्रोत का खुलासा करें पी चिदंबरम

By भाषा | Updated: September 25, 2019 06:11 IST

अदालत कक्ष के दरवाजे पर चिदंबरम के बेटे कार्ति भी खड़े नजर आए क्योंकि वह अंदर आने के लिये जगह नहीं बना पाए। चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था उन्होंने जमानत के लिये निचली अदालत का रुख न कर सीधे उच्च न्यायालय में नियमित जमानत के लिये अर्जी दायर की।

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ठळक मुद्देसुनवाई के दौरान सिब्बल ने कहा कि यह केंद्र सरकार के छह सचिवों और अन्य अधिकारियों का सामूहिक फैसला था कि आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दी जाए।चिदंबरम ने तत्कालीन वित्त मंत्री रहते हुए उन पर सिर्फ दस्तखत किये थे। 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को मंगलवार को निर्देश दिया कि वो हलफनामा दायर कर कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी देने से संबंधित कुछ सरकारी दस्तावेजों के स्रोत का खुलासा करें। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने सीबीआई की तरफ से पेश हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिया कि चिदंबरम के वकीलों को निश्चित रूप से उस स्रोत का खुलासा करना होगा कि उन्हें कहां से यह सरकारी दस्तावेज मिले। 

चिदंबरम की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि अगर अदालत चाहती है तो वे इसे हलफनामे में देने को तैयार हैं। करीब दो घंटे तक जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने कांग्रेस नेता के वकील से कहा कि सीबीआई को हलफनामे की एक अग्रिम प्रति दें और इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख बुधवार को तय की। 

चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध कर रही सीबीआई ने अपने लिखित जवाब में कहा कि यह एक “गंभीरतम आर्थिक अपराध है” और वित्तीय हेरफेर की मात्रा और बेहद ऊंचे सार्वजनिक ओहदे पर बैठे व्यक्ति द्वारा पद का दुरुपयोग उन्हें किसी भी तरह की राहत दिये जाने के अयोग्य ठहराता है। 

सुनवाई के दौरान सिब्बल ने कहा कि यह केंद्र सरकार के छह सचिवों और अन्य अधिकारियों का सामूहिक फैसला था कि आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दी जाए और चिदंबरम ने तत्कालीन वित्त मंत्री रहते हुए उन पर सिर्फ दस्तखत किये थे। 

उन्होंने दलील दी, “हर किसी ने सही चीज की, लेकिन (तत्कालीन) वित्त मंत्री जेल में हैं और अन्य बाहर। उनके खिलाफ साक्ष्य का अंश मात्र भी नहीं है। ...यह दर्शाने वाला कुछ भी नहीं है कि मैंने कोई अपराध किया है।” उन्होंने कहा कि यह देश से बाहर धन ले जाने या किसी बैंक से धोखाधड़ी का मामला नहीं है बल्कि रुपया देश में आया है और यह कोई अपराध नहीं है जैसा कि एजेंसी ने आरोप लगाया है। 

खचाखच भरी अदालत में सिब्बल ने शुरू में ही न्यायाधीश से वातानुकूलन का तापमान और कम करने का अनुरोध किया। अदालत कक्ष के दरवाजे पर चिदंबरम के बेटे कार्ति भी खड़े नजर आए क्योंकि वह अंदर आने के लिये जगह नहीं बना पाए। चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था उन्होंने जमानत के लिये निचली अदालत का रुख न कर सीधे उच्च न्यायालय में नियमित जमानत के लिये अर्जी दायर की।

टॅग्स :पी चिदंबरमकपिल सिब्बलआईएनएक्स मीडिया
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