105 दिनों बाद तिहाड़ से बाहर आएंगे चिदंबरम, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, जानें फैसले की 10 बड़ी बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 4, 2019 11:04 AM2019-12-04T11:04:12+5:302019-12-04T11:29:20+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम को जमानत दी।
उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को बुधवार को आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में जमानत दे दी। न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने 74 वर्षीय पूर्व वित्त मंत्री को जमानत दी। चिदंबरम बीते 105 दिन से जेल में बंद थे। उन्हें सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें धनशोधन मामले में 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।
जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें:
1. उच्चतम न्यायालय ने दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानती पर पी.चिदंबरम को जमानत दी।
2. उच्चतम न्यायालय ने पी.चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 15 नवंबर के आदेश को निरस्त किया।
3. अदालत से अनुमति लिए बिना चिदंबरम देश से बाहर नहीं जाएंगे: उच्चतम न्यायालय।
4. उच्चतम न्यायालय ने पी.चिदंबरम के इस मामले के संबंध में मीडिया में साक्षात्कार देने या किसी तरह का बयान देने पर रोक लगाई।
5. न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ ने 28 नवंबर को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी की थी।
6.प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया था कि चिदंबरम ने ‘निजी लाभ’ के लिये वित्त मंत्री के ‘प्रभावशाली कार्यालय’ का इस्तेमाल किया और इस अपराध की रकम को हड़प गये।
7. चिदंबरम को पहली बार आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
8. इस मामले में उन्हें शीर्ष अदालत ने 22 अक्टूबर को जमानत दे दी थी।
9. इसी दौरान 16 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले से मिली रकम से संबंधित धन शोधन के मामले में चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया।
10. सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक मामला दर्ज किया था जिसमें आरोप था कि 2007 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्राप्त करने की मंजूरी देने में अनियमितताएं हुयीं। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी धन शोधन का मामला दर्ज किया।