700 से अधिक सरकारी विभागों पर एयर इंडिया का 278 करोड़ रुपये का बकाया, वीवीआईपी उड़ानों का भी 34 करोड़ शामिल
By विशाल कुमार | Published: January 23, 2022 08:38 AM2022-01-23T08:38:36+5:302022-01-23T08:40:35+5:30
पिछला ऑडिट 7 अक्टूबर 2021 को किया गया था। विदेश मंत्रालय पर 20.37 करोड़ रुपये, गृह मंत्रालय पर 7.20 करोड़ रुपये और रक्षा मंत्रालय पर 6.14 करोड़ रुपये बकाया है। प्रधानमंत्री की उड़ानों का 7.20 करोड़ रुपये और राष्ट्रपति की उड़ान का 6.14 करोड़ रुपये का बकाया भी शामिल है।
नई दिल्ली: कर्ज में डूबने के बाद टाटा समूह को बेची गई एयर इंडिया का विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों पर 278.49 करोड़ रुपये का बकाया बाकी है। सूचना का अधिकारी (आरटीआई) के माध्यम से यह जानकारी सामने आई है।
कमोडोर लोकेश के बत्रा (सेवानिवृत्त) द्वारा 20 जनवरी, 2022 को दायर आरटीआई आवेदन के जवाब में एयर इंडिया के जवाब के अनुसार, कई मदों में बकाया पिछले साल अक्टूबर तक लंबित होने का अनुमान है।
एयर इंडिया ने बताया कि इस लंबित राशि में सितंबर, 2021 तक 700 से अधिक सरकारी विभागों और खंडों से 244.78 करोड़ रुपये और 27 जुलाई, 2021 तक विभिन्न वीवीआईपी उड़ानों के लिए 33.71 करोड़ रुपये शामिल हैं।
इसमें प्रधानमंत्री की उड़ानों का 7.20 करोड़ रुपये और राष्ट्रपति की उड़ान का 6.14 करोड़ रुपये का बकाया भी शामिल है। पिछला ऑडिट 7 अक्टूबर 2021 को किया गया था। विदेश मंत्रालय पर 20.37 करोड़ रुपये, गृह मंत्रालय पर 7.20 करोड़ रुपये और रक्षा मंत्रालय पर 6.14 करोड़ रुपये बकाया है।
अन्य बकाया राशि में लोकसभा पर 2.38 करोड़ रुपये, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण लगभग 53 लाख रुपये, अवर सचिव, लोकसभा खंड 2.40 करोड़ रुपये, रक्षा लेखा नियंत्रक 2.45 करोड़ रुपये और वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी, राज्यसभा सचिवालय पर 4.91 करोड़ रुपये का बकाया है।
विदेश मंत्रालय पर लगभग 5.2 करोड़ रुपये, लोकसभा सचिवालय पर 4.29 करोड़ रुपये, कार्यपालक अधिकारी, लोकसभा सचिवालय पर 18.15 करोड़ रुपये, डाक विभाग पर 9.52 करोड़ रुपये, सीमा शुल्क आयुक्त पर 64.37 करोड़ रुपये, रक्षा लेखा नियंत्रक (नौसेना) पर 16.84 करोड़ रुपये, भारतीय दूतावास पेरिस पर 1.21 करोड़ रुपये और भारतीय दूतावास काठमांडू पर 1.19 करोड़ रुपये बकाया है।
सरकार ने 25 अक्टूबर को 18,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया की बिक्री के लिए टाटा संस के साथ खरीद समझौता किया था। टाटा सौदे के एवज में सरकार को 2,700 करोड़ रुपये नकद देगी और एयरलाइन पर बकाया 15,300 करोड़ रुपये के कर्ज की देनदारी लेगी।
एयर इंडिया वर्ष 2007-08 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से ही लगातार घाटे में चल रही थी. पिछले 31 अगस्त को उस पर कुल 61,562 करोड़ रुपये का बकाया था।