भारत में लाखों भिखारी पेट पालने के लिए हाथ फैलाकर मांग रहे हैं भीख, मोदी सरकार ने जारी किए ये आंकड़ा
By रामदीप मिश्रा | Published: March 21, 2018 03:27 PM2018-03-21T15:27:06+5:302018-03-21T15:27:52+5:30
देश में चार लाख, 13 हजार 670 भिखारी भीख मांगकर अपना पेट पाल रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा भिखारी पश्चिम बंगाल में हैं।
नई दिल्ली, 21 मार्चः जहां भारत के रोशनी से चमचमाते महानगरों की तस्वीर हर किसी के दिलो-दिमाग में बस जाती हैं, वहीं एक तस्वीर इस भारत की यह भी है कि इन महानगरों और शहरों में लाखों की संख्या में भिखारी घूम रहे हैं। ये दर-दर भटकर और लोगों के आगे हाथ फैलाकर भीख मांगकर पेट पाल रहे हैं और कभी-कभी भीख न भी मिलने पर भूखे पेट खुले आसमान के नीचे सो जाते हैं। ऐसे भिखारियों को लेकर सरकार ने एक आकड़ा जारी किया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में चार लाख, 13 हजार 670 भिखारी भीख मांगकर अपना पेट पाल रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा भिखारी पश्चिम बंगाल में हैं। यहां लगभग 81 हजार की संख्या पाई गई है। हालांकि सबसे कम संख्या लक्षद्वीप है, जहां सिर्फ दो भिखारी भीख मांगते हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जिन चार लाख, 13 हजार 670 भिखारियों की संख्या में दो लाख 21 हजार 673 पुरुष हैं, जबकि एक लाख 91 हजार 997 महिलाएं हैं। यह जानकारी सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने लिखित में दी है।
खबरों के अनुसार, मंत्री की ओर से यह आकंड़े लोकसभा को लिखे गए एक पत्र में दिए गए हैं, जोकि 2011 की जनगणना के अनुसार हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश का नाम भिखारियों की सूची में दूसरे नंबर पर है। यहां 65 हजार 835 भिखारी रहते हैं। तीसरे नबंर पर आंध्र प्रदेश है, जहां 30 हजार 218 भिखारी रहते हैं।
सरकार की रिपोर्ट के अनुसरा, केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति अच्छी है। यहां लक्षद्वीप में दो, दादर नगर हवेली में 19, दमन-दीव में 22, अंडमान -निकोबार द्वीप में 56, नई दिल्ली में 2187 और चंडीगढ़ में 121 भिखारी पाए गए हैं।