"विपक्ष को सरकार के साथ मिलकर 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाना चाहिए", किरेन रिजिजू ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 9, 2023 07:50 AM2023-08-09T07:50:34+5:302023-08-09T07:56:10+5:30
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि ऐसे समय में जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, विपक्ष को सरकार के साथ हाथ मिलाना चाहिए न कि अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए।
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लोकसभा में पेश किये गये अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि ऐसे समय में जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, विपक्ष को सरकार के साथ हाथ मिलाना चाहिए न कि अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को अगले 25 वर्षों के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश के विकास के लिए निर्धारित किये लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए। कांग्रेस और विपक्षी दलों को आने वाले समय में इस बात पर पछतावा होगा कि उन्होंने गलत समय पर और गलत तरीके से इस अविश्वास प्रस्ताव लाया था।
मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब पीएम मोदी वैश्विक नेता के रूप में उभरे हैं और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं तो सरकार के खिलाफ इस तरह के प्रस्ताव की कोई जरूरत नहीं थी।
रिजिजू ने विपक्षी दलों से अपील की कि वो पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत को विकसित देश बनाने की यात्रा का हिस्सा बनें। उनहोंने अर्थव्यवस्था, खेल और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, ''हो सकता है कि आपको भाजपा या पीएम मोदी न पसंद हों, लेकिन आपको भारत का समर्थन करना चाहिए।''
इसके साथ ही रिजिजू ने यह भी कहा, ''आपको विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया रखकर भारत का विरोध नहीं करना चाहिए।''
उन्होंने आगे कहा, "2014 के बाद से सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में की गई पहल के कारण भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। इतना ही नहीं चंद्रयान -3 अंतिम चरण में है और वो 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतर जाएगा।"
किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर परोक्ष हमला करते हुए कहा, "विपक्षी सदस्यों से आग्रह है कि वे विदेशी विश्वविद्यालयों में देश के खिलाफ न बोलें क्योंकि इससे केवल घरेलू इको-सिस्टम कमजोर होगा और भारत के खिलाफ शक्तियों को मजबूती मिलती है।
मणिपुर के विषय में यूरोपीय संसद के प्रस्ताव के बारे में बात करते हुए रिजिजू ने कहा कि भारत घरेलू मुद्दों से निपटने के लिए काफी मजबूत है और किसी भी विदेशी शक्ति को देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है।
मणिपुर हिंसा के इतर पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र करते हुए रिजिजू ने कहा कि यह मोदी सरकार ही है, जिसने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के विकास पर समान रूप से ध्यान दिया और उसी का नतीजा है कि आज पूर्वोत्तर के क्षेत्र के कई हिस्सों में रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि पूर्वोत्तर विकास का इंजन बने।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए काल में पूर्वोत्तर राज्यों के सांसद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बामुश्किलन से मिल पाते थे, जबकि वह खुद राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व करते थे। इसके साथ ही रिजिजू ने मणिपुर की मौजूदा समस्याओं के लिए पिछली कांग्रेस सरकारों के लापरवाह रवैये को जिम्मेदार ठहराया।