अमर्यादित आचरण पर विपक्ष माफी मांगे,नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई हो: सरकार

By भाषा | Published: August 12, 2021 08:34 PM2021-08-12T20:34:51+5:302021-08-12T20:34:51+5:30

Opposition should apologize for inappropriate conduct, strict action should be taken against those who break rules: Government | अमर्यादित आचरण पर विपक्ष माफी मांगे,नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई हो: सरकार

अमर्यादित आचरण पर विपक्ष माफी मांगे,नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई हो: सरकार

नयी दिल्ली, 12 अगस्त राज्यसभा में जबरदस्त हंगामे के एक दिन बाद सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि संसद में नियम तोड़ने व इस तरह का बर्ताव करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए । सरकार ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों को ओबीसी से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद और विधेयक नहीं लाने की धमकी दी थी ।

राज्यसभा में बुधवार को सुरक्षाकर्मियों की अभूतपूर्व तैनाती देखने को मिली थी ताकि विपक्षी सदस्यों के मेज पर चढ़ने जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। किंतु इसके बावजूद सदन में विपक्षी सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की और कागज फाड़कर उछाले तथा कुछ सदस्य आसन की ओर बढ़ने का प्रयास करते हुए सुरक्षाकर्मियों से उलझ गये थे।

सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि संसद में नियम तोड़ने व इस तरह का बर्ताव करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए कि कोई भी भविष्य में ऐसा करने का साहस नहीं करे।

केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्षी नेताओं पर मार्शलों के साथ धक्का- मुक्की करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्रियों की यह टिप्पणी तब आई है जब विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि राज्यसभा में बुधवार को उनके सदस्यों के साथ मार्शल ने धक्का मुक्की की और उनकी आवाज दबाने का प्रयास किया गया ।

सरकार की तरफ से आठ केंद्रीय मंत्री विपक्ष के आरोप का जवाब देने के लिये सामने आए। इनमें पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, मुख्तार अब्बास नकवी, अनुराग ठाकुर, प्रह्लाद जोशी, अर्जुन मेघवाल और वी. मुरलीधरन ने संयुक्त प्रेस वार्ता में इनका जवाब दिया ।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष का ‘‘मेरे तरीके से नहीं तो किसी भी तरीके से नहीं’’ का रवैया बहुत निंदनीय है और देश भी ऐसे रुख की निंदा करता है।

गोयल ने कहा कि राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष का आचरण संसदीय लोकतंत्र का निचला स्तर था तथा विपक्ष इस तथ्य को पचा नहीं पा रहा है कि देश ने उस पर भरोसा करना बंद कर दिया है

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ विपक्षी सदस्य आसन की ओर पुस्तक एवं नियम पुस्तिका फेंक रहे थे और अगर उस समय सभापति आसन पर होते या महासचिव सीट पर होते तब उन्हें चोट पहुंच सकती थी।

उन्होंने कहा कि जो दुखद और शर्मनाक घटनायें हमने इस सत्र में देखी हैं तथा राज्य सभा में विपक्ष का जो व्यवहार रहा है, उससे सदन की गरिमा आहत हुई है।

उन्होंने कहा कि अनाप शनाप आरोप लगा कर विपक्ष ने आसन की गरिमा को भी आघात पहुंचाया है ।

गोयल ने उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि राज्यसभा में विपक्षी दलों से धक्का मुक्की करने के लिये बाहरी लोगों को लाया गया था । गोयल ने कहा कि मर्शल न तो सत्ता पक्ष से होते हैं और न ही विपक्ष से तथा वास्तव में इन विपक्षी सदस्यों ने महिला मार्शल से धक्का मुक्की की ।

उन्होंने कहा कि सभी संसद सुरक्षा सेवा ‘वाच एंड वार्ड’ के कर्मी थे और इनमें 12 महिला मार्शल और 18 पुरूष मार्शल थे ।

राज्य सभा में सदन के नेता गोयल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की। उनमें संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल और उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी भी शामिल थे।

उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों के अमर्यादित आचरण एवं मर्शलों के साथ धक्का-मुक्की करने को लेकर उनके (विपक्षी दलों के सांसदों के) खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि विपक्षी नेता इस सब के बावजूद माफी मांगने की बजाए कह रहे हैं कि वे बार बार ऐसा करेंगे।

वहीं, सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राज्यसभा में महासचिव की मेज नाचने और विरोध करने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के दौरान संसद में जो हुआ, उसके लिए विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए।

ठाकुर ने कहा कि मानसून सत्र में विपक्ष का एकमात्र एजेंडा सड़क से लेकर संसद तक अराजकता पैदा करना था।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम मांग करते हैं कि राज्यसभा के सभापति को नियम तोड़ने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने संसद को नहीं चलने देने का पहले ही फैसला कर लिया था।

जोशी ने कहा, ‘‘ संसद में नियम तोड़ने एवं अमर्यादित व्यवहार करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जानी चाहिए कि भविष्य में कोई ऐसा करने का साहस नहीं करे।’’

उन्होंने कहा कि यह सहमति बनी थी कि महंगाई, किसान, कोविड जैसे मुद्दों पर अल्पकालिक चर्चा होगी लेकिन बाद में विपक्ष पेगासस का मुद्दा लाया । उन्होंने कहा कि वास्तव में उनकी शुरू से ही मंशा नहीं थी कि सत्र में कोई कामकाज हो।

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार शुरू से ही सभी मुद्दों पर सकारात्मक एवं रचनात्मक चर्चा को तैयार थी लेकिन विपक्षी दल हंगामे की प्रतिस्पर्धा में लगे थे।

वहीं, गोयल ने कहा कि विपक्ष ने पूरे सत्र के दौरान सिर्फ इसलिए दुर्व्यहवार किया, क्योंकि वे जन कल्याण के मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देना चाहते थे। यह मांग की गई है कि विपक्ष के ऐसे शर्मनाक और अवरोधक व्यवहार के लिए उस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कांग्रेस एवं विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद में कामकाज बाधित करना इनका नया ‘टूलकिट’ है ताकि ये अपना पर्दाफाश होने से खुद को बचा सकें ।

उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतंत्र के मंदिर की गरिमा को आघात पहुंचाया गया है ।

इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष ने सरकार पर सदन में मार्शल का इस्तेमाल करने एवं धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक करने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया। इस दौरान कई नेताओं ने बैनर और तख्तियां ले रखी थीं।

विपक्षी नेताओं की बैठक में खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश एवं आनंद शर्मा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के टी आर बालू, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।

राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में कुछ महिला सांसदों के साथ कथित धक्का-मुक्की की घटना को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया।

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