पुनर्विकसित बीडीडी चॉल के निवासियों से स्टाम्प शुल्क के रूप में वसूले जाएंगे सिर्फ एक हजार रुपये: मंत्रिपरिषद
By भाषा | Published: August 18, 2021 10:15 PM2021-08-18T22:15:51+5:302021-08-18T22:15:51+5:30
महाराष्ट्र मंत्रिपरिषद ने स्वतंत्रता के पूर्व निर्मित यहां के बीडीडी ‘चॉल’ के निवासियों से प्रति आवास स्टाम्प शुल्क तथा समझौता लागत के तौर पर सिर्फ एक हजार रुपए लेने का बुधवार को निर्णय किया। इन स्थानों को राज्य की आवासीय एजेंसी एमएचएडीए फिर से विकसित कर रही है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में यहां आयोजित बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बीबीडी (बॉम्बे विकास निदेशालय) ‘चॉल’ को अंग्रेजी हुकूमत के दौरान कम लागत वाली आवासीय इकाइयों के रूप में विकसित किया गया था और वे अब जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं। इस प्रकार की 207 चॉल का निर्माण 1921 और 1925 के बीच किया गया था और ये मुंबई में वर्ली, नयागांव, एनएम जोशी रोड और सेवरी जैसे प्रमुख स्थानों पर बनी हैं। एक बयान में कहा गया कि प्रत्येक इमारत चार मंजिला है और इनके निर्माण के 90 वर्ष पूरे हो गए हैं ,इसलिए राज्य सरकार ने इन इमारतों के पुनर्विकास का फैसला किया है। इससे 15,584 निवासियों को लाभ होगा। सरकार ने कहा कि महाराष्ट्र आवासीय एवं क्षेत्र विकास प्रधिकरण (एमएचएडीए) पहले ही बीडीडी चॉल के पुनर्विकास की घोषणा कर चुका है और एक समझौते के अनुसार प्रत्येक पात्र निवासी को 500 वर्ग फुट का घर मुफ्त मिलेगा।इसमें कहा गया नई आवासीय इकाइया निशुल्क होंगी लेकिन सरकार पात्र निवासियों से प्रति घर स्टाम्प शुल्क और समझौता लागत के रूप में एक हजार रुपये लेगी। मंत्रिपरिषद ने दूध पाउडर और मक्खन से जुड़े एक प्रस्ताव को महाराष्ट्र राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ (महानंद) के पास भेजे जाने को भी मंजूरी दे दी।
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