असम: तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) के तीन कर्मचारियों के असम के शिवसागर जिले के लाकवा फील्ड से अगवा किए जाने का मामला सामने आया है। यह जानकारी कंपनी ने अपने ट्वीट के माध्यम से दी है।अधिकारियों को संदेह है कि कर्मचारियों का अपहरण प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम (स्वतंत्र) (ULFA-I) द्वारा किया गया है ।
कंपनी ने ट्वीट कर बताया कि अगवा किए गए कर्मचारियों को उग्रवादियों द्वारा ओएनजीसी के एक वाहन से ले जाया गया। बाद में वाहन को असम-नागालैंड सीमा पर स्थित निमनगढ़ के जंगलों के पास छोड़ दिया गया।
अगवा किए गए कर्मचारी स्थानीय निवासी
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इस बीच शिवसागर एसपी अमिताव सिन्हा ने बताया है कि तीनों अपहरण किए गए कर्मचारी असम के स्थानीय निवासी हैं । उन्होंने कहा, 'हमने नागालैंड सुरक्षा ऐंजसियों को सर्तक रहने के लिए कहा है क्योंकि कार को नागालैंड की सीमा के पास छोड़ा गया था। इसलिए नागालैंड के मोन जिले की पुलिस भी मामले को लेकर सक्रिय हो गई है।'
एसपी ने कहा कि जिस तरह से कर्मचारियों को अगवा किया गया और ले जाया गया ऐसे में उल्फा उग्रवादी संगठन पर संदेह जा रहा है।
अगवा हुए तीनों कर्मचारियों की पहचान शिवनगर जिले के मोहिनी मोहन गोगोई (जूनियर टेक्नीशियन, प्रोडक्शन), जोरहाट जिले के आलोकेश सैकिया (असिस्टेंट जूनियर इंजीनियर, प्रोडक्शन) और गोलाघाट जिले के रितुल सैकिया (असिस्टेंट जूनियर इंजीनियर, प्रोडक्शन ) के रूप में की गई है।
ओएनजीसी ने स्थानीय पुलिस के सामने भी इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। ओएनजीसी 1960 के दशक की शुरुआत से ऊपरी असम में तेल और गैस की खोज तथा उत्पादन कर रही है।