नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलावर को आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की घोषणा की। इसके बाद बुधवार (14 मई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई सेक्टर के कई राहत का ऐलान किया। इसके बाद गुरुवार को फिर निर्मला सीतारमण ने इस पैकेज से जुड़ी घोषणाएं की। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि आज का पैकेज पटरी-रेहड़ी कारोबारी, छोटे किसान, प्रवासी श्रमिकों से जुड़ा होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि मुद्रा शिशु लोन के दायरे में जो आते हैं, उन्हें ब्याज से राहत दी जाएगी। मुद्रा शिशु लोन लेने वालों के ब्याज में 2 फीसदी की छूट होगी, इसका खर्चा सरकार उठाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों का ध्यान रखा जा रहा है। प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में काम दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी पहले ही 182 से बढ़ाकर 202 रुपये की जा चुकी है। 2.33 करोड़ प्रवासी मजदूरों को पंचायतों में काम मिला है।
उन्होंने आगे कहा, 'न्यूनतम मजदूरी का अधिकार सभी मजदूरों को देने की तैयारी है। इसी तरह न्यूनतम मजदूरी में क्षेत्रीय असमानता खत्म करने की योजना है। सभी मजदूरों के लिए सालाना हेल्थ चेकअप भी अनिवार्य करने की योजना है। ये सब अभी पाइपलाइन में है। संसद में इन पर विचार हो रहा है।'
उन्होंने कहा कि किसानों ने 4 लाख करोड़ रुपये का लोन लिया। इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए।'
वित्त मंत्री ने कहा, '2014 में मोदी जी ने अपने सबसे पहले भाषण में कहा था कि ये उनकी सरकार है जो गरीबों के लिए सोचे, गरीबों की सुने, गरीबों के लिए जिए इसलिए नई सरकार देश के गरीबों युवाओं और महिलाओं को समर्पित है।'
कोरोना संकट से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज के पहले चरण में बुधवार (13 मई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई ऐलान किए, जिनसे करीब 5.94 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज देने की बात की गई है। कोरोना संकट से निपटने के लिए पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 12 मई को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। जिस पर प्रेस कांफ्रेंस के जरिए वित्त मंत्रालय की ओर से विस्तृत जानकारी दी जा रही है।
पढ़ें पहले चरण में वित्त मंत्रालय द्वारा क्या-क्या बड़े ऐलान किए गए हैं?
-नकदी की भारी तंगी से जूझ रही बिजली वितरण कंपनियों को सहारा देते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि उनके बकाया के भुगतान के लिए 90,000 हजार करोड़ रुपये तक की नकदी दो किस्तों में उपलब्ध कराई जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था का चक्र घुमाने के लिये बिजली वितरण कंपनियों का संकट दूर किया जाना जरूरी है।
-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत आने वाले सभी प्रतिष्ठानों में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के भविष्य निधि योगदान को तीन माह के लिए सांविधिक योगदान मूल वेतन के 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की। कर्मचारियों को जेबों में अधिक पैसा डालने और नियोक्ताओं को पीएफ (भविष्य निधि) बकाया के भुगतान में राहत देने के लिये यह कदम उठाया गया है। इससे दोनों को कुल 6,750 करोड़ रुपये की नकदी सुलभ होगी।
-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशेष पैकेज के पहले चरण को सामने रखते हुए कहा कि भारतीय एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये तक के ठेकों के लिए कोई वैश्विक निविदा जारी नहीं की जाएगी। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों समेत छोटे कारोबारियों को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी वाला कर्ज उपलब्ध कराने और गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा आवास वित्त कंपनियों को 30,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है।