नई दिल्ली, 14 जुलाई: नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख उमर अब्दुल्ला आजकल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लेकर काफी आक्रमक दिख रहे हैं। भाजपा के खिलाफ वो पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती के साथ देते नजर आ रहे हैं। उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती के समर्थन में एक ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है- 'महबूबा मुफ्ती ने आपके (बीजेपी) ऑपरेशन ऑल आउट का समर्थन किया है। उन्होंने एनआईए की छापेमारी ओर गिरफ्तारियों का भी समर्थन किया है। साथ ही राज्य से अफ्सपा कानून हटाने का विरोध और आरएसएस की हथियारों के साथ परेड की अनुमति दी। ऐसे में वो कैसे अलगाववादियों की समर्थक हो सकती हैं?'
वहीं जम्मू-कश्मीर के प्रभारी और बीजेपी के महासचिव राम माधव ने उमर अब्दुल्ला पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया है- 'संयोग से हम कुछ साल सहयोगी रहे थे उमर जी।' उनके ट्वीट को रिट्वीट करते हुए उमर ने जवाब दिया है। उमर अपने ट्वीट में लिखते हैं- 'हम थे, लेकिन वो वाजेपयी साहह का जमाना था। उस दौर का क्या कहना। वो इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत के दिन थे।'
गौरतलब है कि 19 जून को जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी अलग हो गई थी। जिसके बाद से राज्य में 6 महीने के राज्यपाल शासन लग चुका है। वहीं पीडीपी से नाराज विधायकों के साथ मिलकर भाजपा के सरकार बनाने के प्रयास की खबरों को सिरे से खारिज करते हुए पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रवीन्द्र रैना ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में शांति, सुशासन और विकास के लिये राज्यपाल शासन जारी रखने के पक्ष में है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में किसी दल से गठबंधन नहीं करेगी।
जम्मू कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रवीन्द्र रैना ने ने पीडीपी के साथ इतने समय तक गठबंधन सरकार चलाने के बाद अचानक अलग होने के फैसले के कारण पूछने पर रैना ने कहा कि राज्य में तीन साल तक गठबंधन सरकार रही। हम चाहते थे कि सेना आतंकवाद, अलगाववाद पर प्रहार करे और राजनीतिक दल प्रदेश के विकास का काम करें। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था। राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ रहा था।
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