राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के योगदान को रेखांकित किया है। उन्होंने एटीएस और एसटीएफ के प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जो काम घाटी में एएनआई ने किया है वो किसी और एजेंसी से ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी अपराधी को सरकार का समर्थन होता है तो ये बड़ी चुनौती होती है। कुछ सरकारें इसमें माहिर हैं। हमारे केस में पाकिस्तान है जिसकी सरकारी नीति में ही यह शामिल है।
डोभाल ने कहा कि पाकिस्तान पर आज जो सबसे बड़ा दबाव है वो फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की कार्यवाही का है। इसने पाक पर इतना अधिक दबाव बनाया है जो शायद कोई और कार्रवाई ना कर पाती।
पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने बृहस्पतिवार को आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों में प्रतिबंधित लश्कर ए तैयबा/जमात उद दावा के शीर्ष चार नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों के मुताबिक यह कार्रवाई इन संगठनों के पूरे शीर्ष नेतृत्व को कठघरे में खड़ा करने वाली है। लश्कर ए तैयबा/जमात उद दावा के बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किये गये शीर्ष चार नेताओं के नाम प्रोफेसर जफर इकबाल, याहिया अजीज, मुहम्मद अशरफ तथा अब्दुल सलाम हैं।
पेरिस में 12 से 15 अक्टूबर तक फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की होने वाली पूर्ण बैठक से पहले यह कार्रवाई की गयी है। पेरिस स्थित एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल दिया था। उसे अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए एक कार्ययोजना सौंपी गयी थी। इसमें विफल रहने पर ईरान तथा उत्तर कोरिया के साथ काली सूची में डाले जाने की चेतावनी दी गयी थी।