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पंजाब, हरियाणा, यूपी व राजस्थान के बाद अब मध्य प्रदेश में हुआ किसान महापंचायत का आयोजन, किसानों ने नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की

By अनुराग आनंद | Updated: March 5, 2021 08:12 IST

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह किसान महापंचायत में मौजूद रहे लेकिन मंच पर नहीं बैठे। उन्होंने कहा कि गत सितंबर में बनाये गये केन्द्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों का समर्थन किसान महापंचायत को मिल रहा है।

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ठळक मुद्देमध्य प्रदेश के श्योपुर में आठ मार्च को किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, इसमें किसान नेता राकेश टिकैत शामिल होगें।  किसान नेता अरुण यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता हम इन काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।

रतलामकांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्वियज सिंह ने बृहस्पतिवार को यहां आयोजित किसान महापंचायत में केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए विवादास्पद कानूनों को वापस लेने की मांग की।

प्रदेश के रतलाम जिले के डेलनपुर में आयोजित किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू हरियाणा) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, कांग्रेस नेता और भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अरुण यादव सहित अन्य किसान नेता शामिल थे।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किसान महापंचायत पर मौजूद रहे पर मंच पर नहीं बैठे-

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किसान महापंचायत का आयोजन जरूर किया लेकिन लेकिन वह मंच पर मौजूद नहीं रहे। महापंचायत से पहले पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता ने कहा कि किसान महापंचायत गैर राजनीतिक आयोजन है। सिंह ने कहा, ‘‘किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ हम देश में आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त एकता मंच का समर्थन कर रहे हैं। कांग्रेस ने संसद में और बाहर इन कानूनों का विरोध किया है।’’ उन्होंने बताया कि इन कानूनों के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा जारी किया गया पर्चा वितरित किया है।

तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों को अब किसान महापंचायत से समर्थन मिल रहा है-

दिग्विजय सिंह किसान महापंचायत के मंच पर नहीं बैठे। उन्होंने कहा कि गत सितंबर में बनाये गये केन्द्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों का समर्थन किसान महापंचायत को मिल रहा है। यहां आयोजित किसान महापंचायत में वक्ताओं ने दिल्ली की सीमाओं पर नवंबर के अंत से जारी आंदोलन का समर्थन किया और कानूनों को वापस लेने की मांग केन्द्र सरकार से की। महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता चढूनी ने आरोप लगाया कि नए कृषि कानूनों के तहत विदेशी फसलें भारत में यहां के किसानों की उपज की कीमत पर बेची जायेंगी।

किसान नेता बोले, यह देश के लोगों और कॉर्पोरेट के बीच की लड़ाई है

चढूनी ने कहा, ‘‘इन कानूनों के लागू होने से किसान को अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलेगा और वह अपनी जमीन बेचने के लिए मजबूर होगा।’’ चढूनी ने कहा कि यह देश के लोगों और कॉर्पोरेट के बीच की लड़ाई है। किसान नेता अरुण यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता ‘‘हम इन काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।’’ उन्होंने कहा कि किसान महापंचायत एक गैर राजनीतिक आयोजन है और इसे लोगों का समर्थन मिल रहा है। यादव ने कहा कि आठ मार्च को श्योपुर में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है इसमें किसान नेता राकेश टिकैत शामिल होगें।  

(एजेंसी इनपुट)

टॅग्स :किसान आंदोलनमध्य प्रदेशदिग्विजय सिंहरतलाम
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