Congress: एमपी में अब कमलनाथ या राहुल कांग्रेस,राहुल गांधी 8 दिसंबर को लेंगे फैसला
By अनुराग.श्रीवास्तव@लोकमत.इन | Published: December 6, 2023 10:22 PM2023-12-06T22:22:02+5:302023-12-06T22:25:59+5:30
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस का भोपाल से लेकर दिल्ली तक मंथन जारी है। भोपाल में कमलनाथ दिग्विजय सिंह के प्रत्याशियों के साथ बैठक करने के बाद अब दिल्ली में राहुल गांधी प्रदेश नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
राहुल गांधी अब सीधे एमपी के नेताओं से हार का फीडबैक लेंगे। राहुल गांधी ने 8 दिसंबर को मध्य प्रदेश कांग्रेस के आठ बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाया है। 8 दिसंबर को शाम 4 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक यह बैठक रखी गई है। यानी की 2 घंटे तक राहुल गांधी मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मिली हार को लेकर चर्चा करेंगे।
राहुल को दिए भरोसे पर पार्टी लेगी जवाब
राहुल गांधी दिल्ली की बैठक में इस बात का भी फीडबैक लेंगे कि मप्र कांग्रेस के नेताओं ने जो भरोसा राहुल गांधी को दिया था। वह पूरा क्यों नहीं हुआ। दरअसल मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी कमलनाथ के चेहरे के सहारे चुनाव मैदान में थी। चुनाव प्रचार के आखिरी समय में राहुल प्रियंका से लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे नजर जरूर आए। लेकिन टिकट वितरण से लेकर पार्टी चुनाव की रणनीति और प्रचार तक की जिम्मेदारी कमलनाथ के जिम्मे थी। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ ने राहुल गांधी को इस बात का भरोसा दिया था कि उनके चेहरे पर मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने पर पार्टी को बहुमत का आंकड़ा हासिल होगा और यही वजह थी कि कांग्रेस के अंदर भावी सीएम को लेकर मचे घमासान के बीच राहुल और प्रियंका ने कमलनाथ को संकेत में प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बता दिया था। लेकिन अब पार्टी कमलनाथ के साथ उन पार्टी नेताओं से भी फीडबैक लगी जो मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े चेहरे थे। राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के जिन नेताओं को दिल्ली में बुलाया है उसमें कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अजय सिंह, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, गोविंद सिंह, उमंग सिंगार, जीतू पटवारी का नाम शामिल है।
राहुल की बैठक में कांग्रेस पार्टी की अगली रणनीति को लेकर भी मंथन होगा
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में मिली करारी हार के बाद अब मध्य राहुल गांधी का रुख प्रदेश को लेकर क्या होगा। यह बैठक में तय होगा। यदि 2023 के विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी कमलनाथ को फ्री हैंड देते हैं तो प्रदेश अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक में कमलनाथ की ही चलेगी। लेकिन जिस तरीके से एमपी में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। उसको लेकर राहुल गांधी संगठन से लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता तक में हस्तक्षेप करते हैं तो कई नए चेहरे सामने आएंगे। मतलब साफ है कि 8 दिसंबर को होने वाली बैठक के बाद यह साफ हो जाएगा कि मध्य प्रदेश में अब कमलनाथ कांग्रेस बरकरार रहती है या फिर राहुल प्रियंका कि कांग्रेस दिखाई देगी।