अब ब्रिटिश मानक-स्मॉल-मीडियम और लार्ज में नहीं बल्कि देसी साइज में मिलेंगे कपड़े और जूते, जानें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने क्या कहा

By आजाद खान | Published: June 22, 2023 08:26 AM2023-06-22T08:26:40+5:302023-06-22T08:34:57+5:30

भारत की खुद की अपने मानक को तैयार करने की जिम्मेदारी देश के प्रतिष्ठित संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी को दी गई है।

Now clothes shoes will be available in indigenous sizes in india say Union Minister Piyush Goyal | अब ब्रिटिश मानक-स्मॉल-मीडियम और लार्ज में नहीं बल्कि देसी साइज में मिलेंगे कपड़े और जूते, जानें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने क्या कहा

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsकेंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत में अब ब्रिटिश मानक के आधार पर कपड़े और जूते नहीं मिलेंगे।बल्कि अब भारतीय मानक को तैयार किया जा रहा है और इस आधार पर कपड़े और जूते मिला करेंगे।

नई दिल्ली: भारत सरकार अब भारतीय उत्पादों में गुणवत्ता पर खास ध्यान दे रही है। सरकार ने कहा है कि वह विदेशी मानकों और साइज के आधार पर कपड़ों और जूता-चप्पलों के मानकीकरण की प्रक्रिया को खत्म करना चाहती है और इसके बदले में देसी मानक तैयार कर रही है। 

इस मानक को तैयार करने की जिम्मेदारी एनआईएफटी को दी गई है और इस पर तेजी से काम भी चल रहा है। बता दें कि भारत का खुद का कोई मानक नहीं है बल्कि यहां अमेरिका और इंग्लैंड के मानकों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में इसे बदलने की कोशिश की जा रही है और इस पर सालों से काम हो रहा है। 

क्या कहा पीयूष गोयल ने

मामले में बोलते हुए केंद्रीय कपड़ा, वाणिज्य और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि इस पर बहुत तेजी से काम चल रहा है और जल्द ही देश में भी भारतीय मानकों के आधार पर कपड़े और जूते उपलब्ध होंगे। दरअसल, कपड़े या फिर जूते खरीदने के लिए हमें ब्रिटिश मानक जैसे "छोटे, "मध्यम, और "बड़े" या "यूरो 6", "यूरो 7" और "यूरो 8" पर निर्भर रहना पड़ता था और इस मानक के आधार पर हमें अपनी शॉपिंग करनी पड़ती थी। 

लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और सरकार जल्द ही देसी मानक ले कर आ रही है जिससे हमें और इन ब्रिटिश मानक पर निर्भर नहीं रहना होगा और हम आपनी मानके के आधार पर अपनी साइज के अनुसार कपड़े या फिर जूते खरीद पाएंगे। इस पर बोलते हुए मंत्रालय के अधिकारियों ने तर्क दिया है कि भारतीय कमर का आकार मानक यूके या यूएस प्रणाली से छोटा है, क्योंकि भारतीय कमर का आकार हमारे पश्चिमी समकक्षों की तुलना में छोटा होता है।

एनआईएफटी तैयार कर रही है यह मानक

इस मानक को तैयार करने की जिम्मेदारी देश के प्रतिष्ठित संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) को दी गई है। बता दें कि एनआईएफटी द्वारा 2018 में शुरू किए गए एंथ्रोपोमेट्रिक अनुसंधान अध्ययन में दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और शिलांग में करीब 25 हजार लोगों के बीच 3 डी बॉडी स्कैनर के माध्यम से शरीर का माप लिया गया और इस आधार पर मानक तैयार किया जा रहा है। 

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की अगर मानेगे तो केवल कपड़े ही नहीं बल्कि जूते और चप्पलों के भी भारतीय मानक तैयार किए जा रहे है। बता दें कि इन मानकों को तैयार करने के लिए भारतीयों के शारीरिक बनावट का ध्यान रखा गया है और इस आधार पर इसे तैयार किया जा रहा है। 
 

Web Title: Now clothes shoes will be available in indigenous sizes in india say Union Minister Piyush Goyal

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