अब 4 साल के डिग्री प्रोग्राम फिर एमए के बाद छात्र सीधा कर सकेंगे पीएचडी, जानें नई शिक्षा नीति से जुड़ी 10 बड़ी बातें 

By अनुराग आनंद | Published: July 29, 2020 05:43 PM2020-07-29T17:43:35+5:302020-07-29T18:44:40+5:30

नई क्षिक्षा नीति के तहत आज की जरूरतों को देखते हुए कई सारे अहम बदलाव सरकार ने किए हैं।

Now after 4 years degree program again MA, students will be able to direct PhD, learn 10 big things related to new education policy | अब 4 साल के डिग्री प्रोग्राम फिर एमए के बाद छात्र सीधा कर सकेंगे पीएचडी, जानें नई शिक्षा नीति से जुड़ी 10 बड़ी बातें 

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

Highlightsअब 4 साल के डिग्री प्रोग्राम फिर एमए के बाद छात्र MPhill किए बिना ही सीधा पीएचडी कर सकेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। एक विषय की पढ़ाई को कुछ समय के लिए स्थगित कर छात्र किसी दूसरे कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे।

नई दिल्ली: 'नई शिक्षा नीति 2020' को नरेंद्र मोदी सरकार की हरी झंडी मिल गई है। इस शिक्षा नीति के बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रमेश पोखरियाल ने जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि 34 सालों से शिक्षा नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि देशवासी इसका स्वागत करेंगे। इस क्षिक्षा नीति के तहत आज की जरूरतों को देखते हुए कई सारे अहम बदलाव सरकार ने किए हैं।

इस नई नीति के तहत सरकार ने तय किया है कि अब 4 साल के डिग्री प्रोग्राम फिर एमए के बाद छात्र MPhill किए बिना ही सीधा पीएचडी कर सकेंगे। 

जानें नई शिक्षा नीति से जुड़ी 10 अहम बातें-

- मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। 

- केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एमफिल पाठ्यक्रमों को बंद किया जाएगा

- बोर्ड परीक्षाओं के लिए कई प्रस्ताव नई एजुकेशन पॉलिसी में है। बोर्ड परीक्षाओं के महत्व के कम किया जाएगा। इसमें वास्तविक ज्ञान की परख की जाएगी। 5 कक्षा तक मातृभाषा को निर्देशों का माध्यम बनाया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड में सब चीजों की जानकारी होगी।

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- अभी हमारे यहां डीम्ड यूनविर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और स्टैंडअलोन इंस्टिट्यूशंस के लिए अलग-अलग नियम हैं। नई एजुकेशन पॉलिसी के तहते सभी के लिए नियम समान होगा। 

- देश में 45,000 कॉलेज हैं। ग्रेडेड अटॉनमी के तहत कॉलेजों को  एडमिनिस्ट्रेटिव, अकैडमिक और फाइनैंशल अटॉनमी दी जाएगी। 

- क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे। वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे। एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा। 

- हायर एजुकेशन में कई सुधार किए गए हैं। सुधारों में ग्रेडेड अकैडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनैंशनल अट़ॉनमी आदि शामिल है।

- सरकार ने शिक्षा नीति को लेकर 2 समितियां बनाई थीं। एक टीएसआर सुब्रमण्यम समिति और दूसरी डॉ. के कस्तूरी रंगन समिति बनाई गई थी। केंद्र सरकार ने उनके सुझावों को नई शिक्षा नीति में ध्यान रखा है।

- हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा। ऐसा केंद्र सरकार का अनुमान है और इसी को ध्यान में रखकर यह पॉलिसी तैयार की जा रही है।

- इस शिक्षा नीति के लिए बड़े स्तर पर सलाह ली गई। 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6600 ब्लॉक्स, 676 जिलों से सलाह ली गई है।

- नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर कर सकता है।

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