दिल्ली चुनाव नतीजे आने के अगले दिन 144 रु तक बढ़ी रसोई गैस की कीमत, कोलकाता में सबसे महँगा दाम, जानें अपने शहर का भाव
By पल्लवी कुमारी | Published: February 12, 2020 10:09 AM2020-02-12T10:09:30+5:302020-02-12T11:07:24+5:30
गैर-सब्सिडी इंडेन गैस सिलेंडर की कीमत में एक जनवरी, 2020 के बाद से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। बढ़ी हुई कीमतें आज से ही लागू हो जाएगी।
मेट्रो शहरों में बिना सब्सिडी वाली 14 किलो इंडेन गैस की कीमतें बढ़ी हैं। कीमतों में बढ़ोतरी आज (12 फरवरी) से लागू होगा। दिल्ली में गैर-सब्सिडी इंडेन गैस सिलेंडर का दाम (144.50 रुपये बढ़कर) 858.50 रुपये हो गया है। कोलकाता में (149 रुपए के साथ) 896.00 रुपये हो गया है। मुंबई में गैर-सब्सिडी इंडेन गैस सिलेंडर का दाम (145 रुपये बढ़कर) 829.50 रुपये हो गया है। वहीं चेन्नई में (147 रुपये बढ़कर) 881 रुपये हो गया है। गैर-सब्सिडी इंडेन गैस सिलेंडर की कीमत में 1 जनवरी, 2020 के बाद से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी।
Prices of non-subsidised 14 kg Indane gas in metros, applicable from today: In Delhi price rises to Rs 858.50 (increase by Rs 144.50), in Kolkata - Rs 896.00 (increase by Rs 149), in Mumbai - Rs 829.50 (increase by Rs 145), in Chennai - Rs 881.00 (increase by Rs 147). pic.twitter.com/0kbynJJld7
— ANI (@ANI) February 12, 2020
सरकार ने रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी बढ़ाकर लगभग दोगुनी कर दी है। इससे सब्सिडी वाले सिलिंडर के उपभोक्ताओं पर अधिक बोझ नहीं पड़ेगा। कंपनियों ने कहा कि एजपीजी सिलिंडर की कीमत पहले के 714 रुपये से बढ़ाकर 858.50 रुपये कर दी गयी है। यह जनवरी 2014 के बाद से रसोई गैस के भाव में हुई सबसे बड़ी वृद्धि है। तब एलपीजी का भाव 220 रुपये प्रति सिलिंडर बढ़ाकर 1,241 रुपये कर दिया गया था।
सरकार ने इसके साथ ही एलपीजी सिलिंडर पर मिलने वाली सब्सिडी 153.86 रुपये से बढ़ाकर 291.48 रुपये प्रति सिलिंडर कर दी है। सब्सिडी पर उपभोक्ताओं को एक साल में 12 सिलिंडर मिलते हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिये सब्सिडी 174.86 रुपये से बढ़ाकर 312.48 रुपये प्रति सिलिंडर कर दी गयी है।
सब्सिडी के बाद एक सिलिंडर एलपीजी का भाव सामान्य उपभोक्ताओं को 567.02 रुपये तथा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 546.02 रुपये पड़ेगा। सामान्यत: हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी के भाव में संशोधन किया जाता है। हालांकि इस बार इसमें दो सप्ताह का अधिक समय लग गया। अधिकारियों ने इस बारे में कहा कि चूंकि बड़ी वृद्धि की जानी थी, इस कारण आवश्यक मंजूरियां लेने में समय लग गया।