पेगासस मामला अब संसद में उठाने का मतलब नहीं, संसदीय कार्यवाही को चुनावों से जोड़ना ठीक नहीं : नकवी

By भाषा | Published: November 14, 2021 12:37 PM2021-11-14T12:37:23+5:302021-11-14T12:37:23+5:30

No point in raising Pegasus issue in Parliament, it is not right to link parliamentary proceedings with elections: Naqvi | पेगासस मामला अब संसद में उठाने का मतलब नहीं, संसदीय कार्यवाही को चुनावों से जोड़ना ठीक नहीं : नकवी

पेगासस मामला अब संसद में उठाने का मतलब नहीं, संसदीय कार्यवाही को चुनावों से जोड़ना ठीक नहीं : नकवी

(अनवारुल हक)

नयी दिल्ली, 14 नवंबर केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि पेगासस मामला ‘बिना तर्क एवं तथ्य’ का मुद्दा है जिसे संसद में उठाने का कोई मतलब नहीं है और संसदीय कार्यवाही को आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़ने की कोशिश करना ठीक नहीं है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि संसद के इस शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में आसन के फैसलों के आधार पर सरकार हर विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

नकवी ने पेगासस मामले को लेकर उस वक्त यह टिप्पणी की है जब पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय की ओर से पेगासस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाए जाने के फैसले के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि संसद के आगामी सत्र में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा। संसद के मानसून सत्र में पेगासस मामले को लेकर दोनों सदनों में कई दिनों तक हंगामा हुआ था।

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से आरंभ हो रहा है और 23 दिसंबर तक चलेगा।

पेगासस के मामले को फिर से उठाने की कांग्रेस की घोषणा पर नकवी ने कहा, ‘‘इन्होंने (कांग्रेस) क्या फैसला किया है, यह महत्वपूर्ण नहीं है। आसन जो फैसला करेगा या फिर सर्वसम्मति से जो फैसला होगा, उसके साथ सरकार खड़ी होगी। ये ‘जासूसी के जेम्स बॉन्ड’ के किस्से-कहानियां कब तक चलाएंगे?’’

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘अब इस मुद्दे को उठाने का कोई मतलब नहीं है। मुझे लगता है जिन मुद्दों में कोई तथ्य और तर्क नहीं हो, अगर वो ऐसे अतार्किक मुद्दों को लेकर संसद में हंगामा करने का मन बनाते हैं तो उनकी मर्जी है।’’

नकवी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पिछले सत्र में हम महंगाई पर चर्चा के लिए तैयार थे। पेगासस पर कई बार बात हुई और हर बार वो बेनकाब होते हैं। उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला दे दिया, चीजें स्पष्ट कर दी हैं। कांग्रेस जासूसी की ऐसी जेम्स बॉन्ड है कि जो विपक्ष में रहती है तो जासूसी का भौकाल खड़ा करती है और सत्ता में आती है तो जासूसी का जाल बिछाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतंत्र के जरिये कामकाज करके दिखाया और वंशवाद से जुड़ी पार्टियों ने संसद में व्यवधान पैदा करके दिखाया। हम चर्चा के लिए तैयार रहते हैं। विपक्ष के जो भी मुद्दे हैं, उस पर राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष फैसला करेंगे। हम सरकार की जिम्मेदारी पूरा करेंगे।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या सत्र से पहले विपक्षी दलों के साथ बातचीत हो रही है तो नकवी ने कहा, ‘‘हम लोगों का विपक्ष के साथियों के साथ संपर्क और संवाद बना रहता है। उनसे बातचीत होती रहती है। हमारी कोशिश होती है कि विपक्ष के मुद्दों का निदान करें और सबको साथ लेकर चलें।’’

उनके मुताबिक, ‘‘अब तक यही परंपरा रही है कि विपक्ष मुद्दों को उठाता है तो उस पर सर्वदलीय बैठक और कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में फैसला होता है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अगर चुनाव और संसद की कार्यवाही को एकसाथ जोड़ेंगे तो फिर न्याय नहीं कर पाएंगे। शीतकालीन सत्र में ज्यादा उत्पादकता हो, यही हमारा प्रयास होगा।’’

संसद सत्र से पहले विपक्षी एकजुटता होने की स्थिति में सरकार की रणनीति क्या होगी, इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी, सरकार और प्रधानमंत्री जी का भी मानना है कि विपक्ष मजबूर नहीं, मजबूत होना चाहिए। दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष का चौधरी बनने के चक्कर में कुछ लोगों की पार्टी की चौधराहट खतरे में है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और कुछ और पार्टियां कहती हैं हम विपक्ष के चौधरी हैं। इसी होड़ के कारण इनके भीतर असमंजस है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप (विपक्षी दल) एकजुट हो जाएं, कोई बात नहीं है। लेकिन मुद्दों पर एकजुट हो जाइए। पिछली बार ये लोग सिर्फ व्यवधान पैदा करने के लिए एकजुट हुए थे।’’

पिछले सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में हुए हंगामे पर नकवी ने कहा, ‘‘ये मामला आसन के पास है। विपक्ष के साथियों से यही अपील है कि दुनिया में सबसे ज्यादा मजबूत और अच्छा संसदीय लोकतंत्र हमारा है। हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे इसे नुकसान पहुंचे।’’

सत्र के दौरान संसद मार्च करने की किसान नेताओं की घोषणा पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए सरकार ने ‘नो एंट्री और नो टॉक’ का कोई बोर्ड नहीं लगाया है, लेकिन किसान नेताओं को उनका शोषण कर रही पार्टियों से सचेत हो जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने हजार बार एमएसपी की गारंटी की बात की है। संसद के भीतर और बाहर भी इस बारे में कहा है। आज न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं, अधिकतम समर्थन मूल्य मिल रहा है। मंडियां सुरक्षित थीं और सुरक्षित रहेंगी। किसानों की जमीन की गारंटी कानून में दी गई। ये तीन मुद्दे किसानों के थे जिनका समाधान हो गया। लेकिन कुछ लोग भ्रम और भय का माहौल पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पुस्तक में हिंदुत्व को लेकर की गई टिप्पणी पर नकवी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस का ‘हिंदू विरोधी मंतर’ उसे ‘छूमंतर’ कर रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: No point in raising Pegasus issue in Parliament, it is not right to link parliamentary proceedings with elections: Naqvi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे