केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मंगलवार (28 जनवरी) को कहा कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस से जुड़ा कोई मामला सामने नहीं आया है। इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार पड़ोसी देश में फंसे लगभग 500 भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए चीनी सरकार के साथ लगातार बातचीत कर रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, हर्षवर्धन ने कहा, "मैं देश के सभी लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे घबराएं नहीं क्योंकि कोरोना वायरस भारत में नहीं आया है। हम सतर्क हैं और अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सभी सक्रिय निवारक उपाय कर रहे हैं। किसी भी व्यक्ति में फ्लू के मामूली लक्षण दिख रहे हैं तो उसे अलग रखा जा रहा है। इसका मतलब यह नहीं है कि वे कोरोना वायरस के मामले हैं। ये केवल संदिग्ध हैं और चिकित्सा देखभाल के लिए इन्हें रखा गया है। हम सभी संदिग्ध मामलों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे में परीक्षण के लिए भेज रहे हैं। जांच के बाद अभी तक सभी परिणाम नकारात्मक आए हैं।"
उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस से प्रभावित तीन संदिग्धों को आरएमएल अस्पताल में आइसोलेशन के अंतर्गत रखा गया है। वे एनसीओवी के मामले में नहीं हैं। हमारी सरकार सतर्क है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्थिति पर नियमित रूप से जानकारी ले रहे हैं। सभी राज्यों को निर्देशित किया गया है कि वह तैयार रहें।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "साल 2014 में हम इतने सख्त और केंद्रित थे कि हमारे प्रयासों ने इबोला वायरस को भारत में प्रवेश नहीं करने दिया। मैं डब्ल्यूएचओ के साथ भी नियमित संपर्क में हूं। इस वायरस से बचने के लिए सरकार थर्मल स्क्रीनिंग सुविधा का विस्तार करके इसे लगभग सात और हवाईअड्डों पर लागू करेगी।"
उन्होंने कहा, "हांगकांग के रास्ते चीन से आने वाले यात्रियों की अबतक 13 हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग करवाई जा रही थी। बुधवार से इसे सात और हवाई अड्डों तक शुरू करवाया जाएगा। अबतक हवाई अड्डों पर लगभग 35,000 यात्रियों को स्कैन किया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने भी हवाई अड्डों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए निर्देशित किया है। साथ ही साथ जागरुकता के लिए संकेतों को भी चस्पा किया गया है।"