करतारपुर कॉरिडोर पर कोई अंतिम समझौता नहीं, प्रत्येक तीर्थयात्री से 20 डॉलर का शुल्क मांगकर पाकिस्तान ने फंसाया पेंच!

By भाषा | Published: September 5, 2019 08:08 AM2019-09-05T08:08:45+5:302019-09-05T08:08:45+5:30

भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारा होकर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक जाने वाली भारतीय श्रद्धालुओं की वीजा मुक्त यात्रा पर बुधवार को सहमति जताई, लेकिन सीमा के दोनों ओर जाने वाले मार्ग पर समझौते को अंतिम रूप देते-देते रह गए।

No final agreement on Kartarpur corridor, Pakistan implicated by demanding a fee of $ 20 from each pilgrim! | करतारपुर कॉरिडोर पर कोई अंतिम समझौता नहीं, प्रत्येक तीर्थयात्री से 20 डॉलर का शुल्क मांगकर पाकिस्तान ने फंसाया पेंच!

करतारपुर कॉरिडोर पर कोई अंतिम समझौता नहीं, प्रत्येक तीर्थयात्री से 20 डॉलर का शुल्क मांगकर पाकिस्तान ने फंसाया पेंच!

Highlightsपाकिस्तान इस गलियारे से हर दिन 5,000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा आने की इजाजत देगापाकिस्तान के लगातार अड़ियल रवैये की वजह से समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।

भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर तीसरे दौर की बातचीत हुई लेकिन कोई अंतिम समझौता नहीं हो सका। पाकिस्तान ने प्रति तीर्थयात्री की दर से 20 डॉलर की मांग की है जिस पर मतभेद है। इसके अलावा पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर परिसर में भारतीय कांसुलर की उपस्थिति भी नहीं चाहता है। हालांकि दोनों देश बिना किसी रुकावट के वीजा फ्री यात्रा पर सहमत हो गए।

भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारा होकर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक जाने वाली भारतीय श्रद्धालुओं की वीजा मुक्त यात्रा पर बुधवार को सहमति जताई, लेकिन सीमा के दोनों ओर जाने वाले मार्ग पर समझौते को अंतिम रूप देते-देते रह गए। पाकिस्तान इस गलियारे से हर दिन 5,000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा आने की इजाजत देगा और विशेष मौकों पर इस संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है। 

अधिकारियों ने बताया कि दोनों देश गलियारे पर मसौदा समझौते को अंतिम रूप नहीं दे पाए क्योंकि पाकिस्तान भारतीय श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क लेने और प्रोटोकोल अधिकारियों को उनके साथ आने की इजाजत नहीं देने पर अड़ा रहा। गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस सी एल दास ने कहा, “पाकिस्तान के लगातार अड़ियल रवैये की वजह से आज समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।” 

दास ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान दो “वाजिब मांगों” पर अपने रुख पर फिर से विचार करेगा। साथ ही बताया कि अन्य बैठक की भी योजना है। पाकिस्तानी शिष्टमंडल का नेतृत्व करने वाले मोहम्मद फैसल ने भी कहा कि भारत को ‘‘थोड़ा सा लचीला रूख’’ दिखाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ मसौदा समझौते के संदर्भ में दो या तीन बिन्दुओं पर अभी सहमति बनना शेष है। इसके अलावा अन्य बिन्दुओं पर आम सहमति है।’’ 

अधिकारियों ने बताया कि दोनों पक्ष बिना किसी प्रतिबंध के भारतीय श्रद्धालुओं को पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा मुक्त यात्रा करने देने पर सहमत हुए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय मूल के व्यक्ति जिनके पास ओसीआई कार्ड हो, वे भी करतारपुर गलियारे का उपयोग कर गुरुद्वारा जा सकते हैं। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि खास मौकों जैसे बैसाखी आदि पर अतिरिक्त श्रद्धालुओं को अनुमति दी जाएगी जो पाकिस्तान की ओर से सुविधाओं के क्षमता विस्तार पर निर्भर करेगा। 

फैसल ने कहा कि श्रद्धालुओं को दिए गए कार्ड के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “समझौते के मुताबिक, हर दिन करीब 5,000 सिख यात्री करतारपुर जाएंगे। हालांकि आगंतुकों की संख्या अगर इससे ऊपर जाती है तो हम सभी का स्वागत करेंगे।’’ नवंबर 2018 में भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ने वाला गलियारा बनाने पर सहमति जताई थी। करतारपुर पाकिस्तान के नोरोवाल जिले में रावी नदी के पास और डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर पर स्थित है । 

संयुक्त सचिव स्तर पर गलियारे को लेकर हुई तीसरे चरण की चर्चा के बाद दास ने कहा, “गलियारे का परिचालन पूरे साल और सप्ताह के सातों दिन किया जाएगा। श्रद्धालुओं के पास अकेले या समूह में और पैदल जाने का विकल्प होगा।” अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान ने गुरुद्वारा आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु पर 20 डॉलर शुल्क लगाने का सुझाव रखा है। दास ने संवाददाताओं से कहा, “मुद्दा राशि या इसका नहीं है कि हमारे पास भुगतान करने की क्षमता नहीं है। दुनिया के किसी भी गुरुद्वारा में पावन अवसरों पर आने वालों से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है।” 
भारत ने मांग की है कि उसके प्रोटोकॉल या दूतावास अधिकारी को गुरुद्वारा तक जाने की अनुमति मिलनी चाहिए, इस पर पाकिस्तान ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बाद में एक बयान जारी कर कहा, ‘‘तीर्थयात्रियों के वीजा मुक्त पहुंच के लिए भारत के दूतावास अधिकारियों की आवश्यकता नहीं है। लोगों का ध्यान खींचने के लिए बयानबाजी नुकसानदेह हैं।’’ 

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक ट्वीट कर पाकिस्तान की मांग को “शर्मनाक” बताया। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने बूढी रावी नहर पर पुल बनाने पर सहमति जतायी । फैसल ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ के गलियारे का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है और उनका देश अगले महीने यात्रियों के लिये यह गलियारा खोल देगा । दोनों देश के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच 30 अगस्त को बैठक हुई थी। 

दोनों पक्षों ने नवंबर में गुरु नानक की 550वीं जयंती के साल भर चलने वाले समारोह से पहले गलियारा खोलने की योजना बनाई है। दास ने डेरा बाबा नानक तक जाने वाले चार लेन के राजमार्ग को लेकर चल रहे कार्य पर संतुष्टि जताई और कहा कि यह इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। भारत ने भारतीय श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मुद्दे पर एक बार फिर चिंता जाहिर की। 

Web Title: No final agreement on Kartarpur corridor, Pakistan implicated by demanding a fee of $ 20 from each pilgrim!

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