नई सरकारी नौकरियों पर प्रतिबंध नहीं, सर्कुलर के बाद केंद्र सरकार ने दी सफाई
By स्वाति सिंह | Published: September 5, 2020 08:39 PM2020-09-05T20:39:01+5:302020-09-05T21:57:17+5:30
चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे में भारी वृद्धि की आशंका के बीच सरकार ने शुक्रवार को सभी मंत्रालयों/विभागों से गैर- जरूरी खर्चों को कम करने को कहा है। सरकार ने मंत्रालयों/विभागों से परामर्शकों की नियुक्ति की समीक्षा करने, आयोजनों में कटौती करने और छपाई के लिए आयातित कागत का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी है।
नई दिल्ली: सरकारी नौकरी पर प्रतिबंध की खबरों को लेकर वित्त मंत्रालय ने सफाई जारी की है। मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि भारत सरकार के किसी भी पदों को भरने पर कोई भी पाबंदी नहीं है। कर्मचारी चयन आयोग, यूपीएससी, आरएलवी भर्ती बोर्ड जैसे सरकारी एजेंसियों के माध्यम से समान्य भर्तियां पहले की तरह ही जारी रहेंगी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि 4 सितंबर 2020 को जारी मंत्रालय के व्यय परिपत्र पदों के निर्माण के लिए आंतरिक प्रक्रिया से संबंधित है। यह किसी भी तरह से भर्ती को न तो प्रभावित करता है और न ही रद्द करता है।
वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले व्यय विभाग ने चार सितंबर को जारी सर्कुलर में कुछ गैर-विकासात्मक व्यय पर "महत्वपूर्ण प्राथमिकता योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने" के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। दस्तावेज में केंद्र ने "मंत्रालयों/ विभागों, संलग्न कार्यालयों, अधीनस्थ कार्यालयों, विधिक निकायों और स्वायत्त निकायों में व्यय विभाग की स्वीकृति के अलावा नए पदों के सृजन पर प्रतिबंध लगाने की भी घोषणा की है।"
CLARIFICATION:
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 5, 2020
There is no restriction or ban on filling up of posts in Govt of India . Normal recruitments through govt agencies like Staff Selection Commission, UPSC, Rlwy Recruitment Board, etc will continue as usual without any curbs. (1/2) pic.twitter.com/paQfrNzVo5
सरकारी नौकरियों के सृजन पर रोक संबंधी आदेश वापस ले सरकार: कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस ने गैर जरूरी खर्चों में कटौती से जुड़े सरकार के प्रस्ताव को लेकर शनिवार को कहा कि नयी नौकरियों के सृजन पर रोक ‘जन विरोधी कदम’ है और इस आदेश को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने वीडियो कॉन्ंफ्रेंस के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस समय देश की आर्थिक स्थिति बहुत ही बुरी हालत में है। 45 साल में पहली बार जीडीपी में इतनी गिरावट हो रही है। इस घनघोर आर्थिक संकट से उबरने के लिए सरकार को एक कदम आगे बढ़कर आना चाहिए, जैसे दुनिया के बाकी देश कर रहे हैं।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘निजी क्षेत्र में तो छंटनी चल रही है, लेकिन सरकार ने अब अपनी नौकरियों पर भी रोक लगा दी है। इस तरह से इस देश के युवा कहां जाएंगे? कहां नौकरियां मिलेंगी उन्हें? क्या करेंगे वो?’’ शुक्ला के मुताबिक, सरकार ने सीएमआईई का डाटा जारी किया और उसमें उसने ख़ुद स्वीकार किया कि किस तरह से 15 से 29 साल के आयु वर्ग में 17.8 प्रतिशत नौकरियां चली गयीं और इसके अलावा 20 अगस्त तक 1।89 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी।
कैसे उड़ी नौकरियों पर प्रतिबंध की अफवाह
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे में भारी वृद्धि की आशंका के बीच सरकार ने शुक्रवार को सभी मंत्रालयों/विभागों से गैर- जरूरी खर्चों को कम करने को कहा है। सरकार ने मंत्रालयों/विभागों से परामर्शकों की नियुक्ति की समीक्षा करने, आयोजनों में कटौती करने और छपाई के लिए आयातित कागत का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी है। व्यय विभाग की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘मौजूदा राजकोषीय स्थिति तथा सरकार के संसाधनों पर दबाव को देखते हुए गैर-प्राथमिकता वाले खर्चों को कम करने और तर्कसंगत बनाने की जरूरत है, ताकि प्राथमिकता वाले खर्च के लिए संसाधन सुनिश्चित किए जा सकें।’’ नए पदों के सृजन के बारे में कहा गया है कि इनपर प्रतिबंध रहेगा। कुछेक मामलों में व्यय विभाग की अनुमति से नए पदों का सृजन किया जा सकता है।