लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती के भतीजे आकाश आनंद का पार्टी में रुतवा बढ़ता जा रहा है। अब आकाश पार्टी के राजनीतिक मामलों पर भी बयान देने लगे हैं। इसी क्रम में आकाश ने यह ऐलान किया है कि बसपा किसी भी तरह का गठबंधन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से करने नहीं जा रही हैं। अभी तक ऐसे बयान पार्टी में सिर्फ मायावती ही देती रही हैं। यह पहला मौका है जब आकाश ने चुनावी गठबंधन को लेकर पार्टी ने नजरिए को साफ किया है। उन्होने कहा है कि बसपा को तीसरे विकल्प के तौर पर आम जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है और पार्टी भाजपा से बसपा किसी तरह का गठबंधन नहीं करने जा रही है।
बसपा नेताओं के मुताबिक, पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने बसपा के कुछ दलों से चुनावी तालमेल करने के बाबत चल रही खबरों को लेकर ही पार्टी ने रुख को स्पष्ट किया है। क्योंकि देश और प्रदेश में यह चर्चा ज़ोरों पर हो रही थी कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) का सफाया करने के लिए बसपा का भाजपा के साथ गठबंधन हो सकता है।
बसपा नेताओं के अनुसार ऐसी चर्चाओं से पार्टी के मतदाताओं के बीच भ्रम उत्पन्न होता है, जिसके चलते ही आकाश आनंद ने सामने आकर पार्टी के रुख को स्पष्ट किया है। और मायावती की तर्ज पर ही आकाश आनंद ने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी कांशीराम के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी है। इसकी एक ही सोच है, समतामूलक समाज की स्थापना करना। इस मकसद को पूरा करने के रास्ते पर बसपा चल रही हैं। और पार्टी की मुखिया मायावती के नेतृत्व में बसपा को तीसरे विकल्प के तौर पर जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।
इससे हताश होकर हमारे विरोधी साम-दाम-दंड-भेद की नीति का इस्तेमाल कर भ्रामक खबरें फैला रहे हैं. हम सभी को इससे सावधान रहने की जरूरत है. आकाश आनंद के इस दावे के बाद पार्टी ने सोशल मीडिया पर बसपा सुप्रीमो मायावती का एक पुराना वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने गठबंधन से साफ इनकार किया है।
ऐसे बनेगी बसपा तीसरा विकल्प
भाजपा से गठबंधन को लेकर बसपा के दूर रहे को लेकर आकाश आनंद के दिए गए बयान के बाद अब सूबे के बसपा के तीसरे विकल्प बनने को लेकर नई चर्चा शुरू हो गई है। बसपा तीसरा विकल्प कैसे बनेगी? इस लेकर तरह-तरह के विचार लोग व्यक्त कर रहे हैं। इसमें बसपा सुप्रीमो मायावती के गठबंधन को लेकर बार-बार बदलते रुख पर भी चर्चा हो रही है। कहा जा रहे है कि मायावती ने पहले किसी भी पार्टी से गठबंधन से इनकार किया। फिर उन्होने चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन की संभावनाओं की बात कही।
हरियाणा और पंजाब में चुनाव पूर्व गठबंधन का रास्ता साफ रखा है। इसके बाद एआईएमआईएम और महान दल जैसे छोटे दलों से अंदरखाने चुनावी तालमेल करने की चर्चा होने दी। चर्चा यह भी हुई कि कांग्रेस और रालोद के साथ वह चुनावी गठजोड़ राज्य में कर सकती हैं। ऐसी तमाम राजनीतिक अटकलों के बीच आकाश आनंद ने सामने आकर यह साफ किया है कि बसपा का भाजपा से चुनावी गठबंधन नहीं हो रहा है, यानी कि बसपा आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।
बसपा के इस रुख पर अब पार्टी नेताओं का कहना है कि बसपा की कोशिश है कि भाजपा और संयुक्त विपक्ष से अलग अकेले चुनाव लड़ा जाए और चुनाव बाद कुछ छोटे दलों से तालमेल करके एक तीसरा मोर्चा बनाया जाए। ताकि अगर केंद्र में गठबंधन की सरकार बने तो फिर उसमें अपनी जगह बना जा सके। इससे मायावती के बैलेंस ऑफ पावर बनने के बयान को भी जोड़कर देखा जा रहा है। इसी रणनीति के सहारे बसपा को तीसरे विकल्प के रूप में तैयार करने के लिए जल्दी ही आकाश आनंद कई दलों के नेताओं से मिलेंगे।