नई दिल्ली। दिल्ली में निजामुद्दीन की तब्लीगी मरकज से देश में कोरोना संक्रमण का संकट खड़ा करने वाले मौलाना मुहम्मद साद की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। क्राइम ब्रांच ने मौलाना पर कानूनी कार्रवाई करते हुए गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। क्राइम ब्रांच को अब तक जांच में जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक मौलाना साद और उसके कई करीबी कानून का शिकंजा कसता देख भूमिगत हो गए हैं। मौलाना साद के अलावा कुछ अन्य लोगों पर भी महामारी रोग अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मरकज मामला प्रकाश में आने के बाद से मौलाना साद फरार हैं। रविवार को मामले की जांच के लिए निजामुद्दीन मरकज में फरेंसिक साइंस लैब (FSL) की भी एक टीम पहुंची है। फांरेंसिक टीम के साथ जांच के लिए दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एक टीम वहां पहुंची। मरकज से 1 अप्रैल को लगभग 2300 लोगों को बाहर निकाला गया था।
दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को नोटिस भेजा
इससे पहले दिल्ली पुलिस तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को नोटिस जारी कर चुकी है। नोटिस जारी करने के साथ ही लॉकडाउन के आदेशों का कथित तौर पर उल्लंघन कर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करने के आरोप में प्राथमिकी भी दर्ज की गई। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। नोटिस में 26 सवाल पूछे गए हैं, जिसमें नाम, पता, संगठन का पंजीकरण विवरण, उसके पदाधिकारियों का विवरण, पिछले तीन वर्षों में मरकज द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न का विवरण, पैन नंबर, बैंक खाता संख्या और पिछले एक वर्ष के बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराना शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को साद और अन्य आरोपियों को पत्र लिखा और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत विवरण मांगा। अधिकारियों ने संगठन को परिसर में एक धार्मिक सभा आयोजित करने के लिए पुलिस या किसी अन्य अधिकारियों से मांगी गई अनुमति की एक प्रति पेश करने के लिए भी कहा है।
निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर दक्षिण अफ्रीका लौटे मौलाना की मौत
निजामुद्दीन के तबलीगी जमात मरकज के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर हाल ही में वापस लौटे एक दक्षिण अफ्रीकी मौलाना की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई। यह जानकारी उनके परिजनों ने दी। मौलाना यूसुफ टूटला (80) ने भारत के निजामुद्दीन मरकज में 1-15 मार्च तक चले तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। मंगलवार को मौत होने के बाद यूसुफ के शव को इस्लामिक दफन परिषद (आईबीसी) की तरफ से दिए गए एक बैग में रखकर दफनाया गया। मौलवी के परिवार के एक सदस्य ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर स्थानीय मीडिया को बताया कि टूटला में भारत से लौटने के बाद से फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देने लगे थे। बाद में निजी लैब की जांच में पता चला कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे। उन्होंने कहा, '' इलाज के बाद पिछले हफ्ते तक टूटला की सेहत में काफी सुधार हुआ था लेकिन सोमवार सुबह से फिर से वह बीमार महसूस करने लगे। उनकी हालत तेजी से बिगड़ती गई।'' बताया गया कि टूटला को भारत की यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई थी, लेकिन वह नहीं माने। टूटला का परिवार 14 दिन के लिए खुद ही पृथक वास में रह रहा है।