Nizamuddin Markaz: तबलीगी जमात के 960 विदेशी सदस्यों के नाम काली सूची में, चार अमेरिकी, नौ ब्रिटिश और छह चीनी नागरिक भी शामिल
By भाषा | Published: April 3, 2020 03:12 PM2020-04-03T15:12:48+5:302020-04-03T20:52:02+5:30
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन सभी के पर्यटक वीजा रद्द कर दिए हैं। वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद जमात के विदेशी सदस्यों में 379 इंडोनेशियाई, 110 बांग्लादेशी, 63 म्यामां के और 33 श्रीलंकाई नागरिक शामिल हैं। इनमें से कुछ के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
नई दिल्लीः तबलीगी जमात के जिन 960 विदेशी कार्यकर्ताओं के नाम काली सूची में डाले गए हैं उनमें चार अमेरिकी, नौ ब्रिटिश और छह चीनी नागरिक शामिल हैं।
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन सभी के पर्यटक वीजा रद्द कर दिए हैं। वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद जमात के विदेशी सदस्यों में 379 इंडोनेशियाई, 110 बांग्लादेशी, 63 म्यामां के और 33 श्रीलंकाई नागरिक शामिल हैं। इनमें से कुछ के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि तबलीगी जमात के जिन प्रतिनिधियों के नाम काली सूची में डालकर वीजा रद्द किया गया हैं उनमें 77 किर्गिस्तान, 75 मलेशिया, 65 थाईलैंड़ , 12 वियतनाम, 9 सऊदी अरब और तीन फ्रांस के नागरिक शामिल हैं। तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों के खिलाफ यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित इस्लामी संगठन के मुख्यालय में 250 विदेशी सदस्यों समेत 2,300 कार्यकर्ता लॉकडाउन (बंद) के बावजूद यहां ठहरे पाए गए। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के मद्देनजर 25 मार्च से देश में 21 दिन का बंद लागू किया गया था। तबलीगी जमात के 300 से ज्यादा प्रतिनिधि कोविड-19 की जांच में संक्रमित पाए गए जबकि अन्य को विभिन्न पृथक केंद्रों में रखा गया है।
निजामुद्दीन मरकज में पिछले महीने हुई एक धार्मिक सभा में कम से कम 9,000 लोगों ने हिस्सा लिया था जिसके बाद इनमें से कई ने धर्म प्रचार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की। देश में अब तक कोविड-19 के 400 ऐसे मरीज सामने आए हैं जिनका निजामुद्दीन मरकज से संबंध हैं, जबकि यहां से संबंध रखने वाले 12 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है। अन्य विदेशी नागरिकों में अल्जीरिया के सात, ऑस्ट्रेलिया का एक, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य से दो, कोटे डी आइवरी (आइवरी कोस्ट) से तीन, जिबूती से पांच, मिस्र का एक, इथियोपिया से तीन, फिजी से तीन, गांबिया से तीन, ईरान के 24 और जॉर्डन का एक नागरिक शामिल था।
संलिप्तता का पता चलने के बाद उनके वीजा रद्द कर दिए थे
इनमें कजाखस्तान से 14, केन्या से एक, मैडगास्कर से तीन, माली से दो, फिलीपीन से 10, कतर से तीन, रूस से एक, सेनेगल से एक, सिएरा लियोन से एक, दक्षिण अफ्रीका से एक, सूडान से चार, स्वीडन से एक, तंजानिया से आठ, तोगो से एक, त्रिनिदाद से तीन, तोबागो से तीन, ट्यूनीशिया से दो, यूक्रेन से दो, वियतनाम से 12 और अन्य छह नागरिक शामिल थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को इन 960 विदेशी नागरिकों के नाम काली सूची में डाल दिए थे और वीजा शर्तों का उल्लंघन करते हुए तबगीली जमात की गतिविधियों में उनकी संलिप्तता का पता चलने के बाद उनके वीजा रद्द कर दिए थे।
गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों के पुलिस प्रमुखों से इनके खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम और आपदा प्रबंधन कानून के तहत कानूनी कार्रवाई करने को भी कहा है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि एक जनवरी के बाद से 2,100 विदेशी नागरिक भारत आए और उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में तबलीगी जमात से जुड़ी गतिविधियों में हिस्सा लिया। बृहस्पतिवार को मंत्रालय ने बताया कि तबलीगी जमात के करीब 1,300 विदेशियों की देश के विभिन्न हिस्सों में पहचान की गई है और उनमें से ज्यादातर को पृथक रखा गया है।
इनमें से ज्यादातर विदेशी पर्यटक वीजा पर भारत आए थे जिसके तहत किसी भी धार्मिक गतिविधि में संलिप्तता निषेध है। सरकार ने यह भी फैसला किया है कि वह भारत आकर तबलीगी गतिविधियों में हिस्सा लेने के इच्छुक किसी भी विदेशी को पर्यटक वीजा नहीं जारी करेगी। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उन सभी विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है जिन्होंने वीजा की शर्तों का उल्लंघन करते हुए तबलीगी जमात की धर्म प्रचार से जुड़ी गतिविधियों में हिस्सा लिया।
360 विदेशियों को काली सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू
कोरोना वायरस के मद्देनजर देश की सीमाएं सील होने से पहले ही यहां से जा चुके ऐसे 360 विदेशियों को काली सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जिन्होंने भारत में तबलीगी जमात की गतिविधियों में हिस्सा लिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्या सलिला श्रीवास्तव ने उन 960 विदेशियों को प्रत्यर्पित किए जाने की बात को भी खारिज कर दिया जो पर्यटन वीजा पर यहां आए थे और तबलीगी गतिविधियों में शामिल थे।
उन्होंने कहा कि इन लोगों के खिलाफ पहले ही विदेशी अधिनियम के तहत वीजा शर्तों के उल्लंघन और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। तबलीगी जमात से जुड़े, कालीसूची में डाले गए 960 विदेशियों को प्रत्यर्पित किए जाने संबंधी एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी ने कहा, “इस स्तर पर प्रत्यर्पण का कोई सवाल ही नहीं क्योंकि कार्रवाई पहली ही शुरू हो चुकी है। जब प्रत्यर्पण होगा तो वह स्वास्थ्य दिशानिर्देश के मानकों के मुताबिक होगा।” उन्होंने कहा कि इन 960 विदेशियों को पर्यटन वीजा पर आकर तबलीगी गतिविधियों में हिस्सा लेकर वीजा शर्तों का कथित उल्लंघन करने के लिये कालीसूची में डाल दिया गया है।
उन्होंने कहा, “तबलीगी जमात की गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले उन 360 विदेशियों को कालीसूची में डालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जो अब अपने देश वापस लौट चुके हैं।” मंत्रालय ने कहा कि सभी पुलिस महानिदेशकों और पुलिस आयुक्तों को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई के लिये निर्देशित किया गया है। निजामुद्दीन पश्चिम में तबलीगी जमात का मरकज देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार के प्रमुख केंद्र के तौर पर सामने आया है। एक से 15 मार्च के बीच यहां हजारों लोग एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कई राज्यों में इनमें से कई प्रतिभागी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए और इनमें से कुछ की मौत भी हो चुकी है।
14 राज्यों के 647 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हो चुकी है
नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक तबलीगी जमात की गतिविधियों में हिस्सा ले चुके 14 राज्यों के 647 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भारत में कोविड-19 से अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से 12 लोगों की जान पिछले 24 घंटों के दौरान गई। श्रीवास्तव ने कहा कि मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और इस बीमारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों पर कथित हमले के मामलों में सख्त कार्रवाई करने को भी कहा है।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र से जुड़े लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। देश से कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और कोरोना वायरस के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर रहकर काम कर रहे लोगों पर स्थानीय लोगों या तबलीगी जमात के सदस्यों द्वारा हमला किया गया है। मध्यप्रदेश सरकार ने इंदौर में कोविड-19 के मरीज के परिजनों और पड़ोसियों को पृथक वास में भेजने के लिये गए स्वास्थ्य कर्मियों के दल पर हमला करने में कथित रूप से शामिल चार लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज किया है।
ऐसी ही कार्रवाई उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी उन छह तबलीगी जमात कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई है जिन्होंने अस्पताल के पृथक वार्ड में तैनात नर्सों के साथ दुर्व्यवहार किया था। दिल्ली में भी तबलीगी जमात के सदस्यों द्वारा बदसलूकी का मामला सामने आया जब उन्हें पृथक वास केंद्र ले जाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के लिये दो नए हेल्पलाइन नंबर - 1903 (राष्ट्रीय टोल फ्री) तथा 1944 (खासतौर पर पूर्वोत्तर भारत के लिये)- जारी किये हैं।
उन्होंने कहा, “इसके अलावा गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर राज्यों की हेल्पलाइन के नंबर भी पोस्ट किये गए हैं।” उन्होंने कहा कि गृह सचिव अजय भल्ला ने मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर शुक्रवार से शुरू हो रही ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने कहा, “गृह सचिव ने मुख्य सचिवों से जरूरी निर्देश जारी करने को कहा है जो जमीनी स्तर तक पहुंचने चाहिए। लोगों को फोन करिए, सामाजिक दूरी का पालन करिये और बैंक शाखाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कीजिए। यह सुनिश्चित करें कि हर लाभार्थी को उचित लाभ मिले।”