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छपरा शराब कांड पर विरोधियों के साथ अब अपनों से भी घिरे नीतीश कुमार, माले ने साधा निशाना, मांगा पीड़ितों के लिए मुआवजा

By एस पी सिन्हा | Updated: December 15, 2022 16:19 IST

बिहार विधानसभा परिसर में नीतीश सरकार की सहयोगी पार्टी भाकपा माले के विधायकों ने प्लेकार्ड लहराते हुए छपरा शराबकांड को शराबबंदी की विफलता का सबसे बड़ा उदाहरण बताया।

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ठळक मुद्देमहागठबंधन सरकार को समर्थन देने वाले माले विधायकों ने छपरा शराबकांड पर नीतीश कुमार को घेरामाले विधायकों ने छपरा शराबकांड को नीतीश सरकार के शराबबंदी की विफलता का उदाहरण बतायामाले विधायकों ने आरोप लगाया कि शराबबंदी के नाम पर दलितों-गरीबों पर दमन हो रहा है

पटना: छपरा शराब त्रासदी में कई लोगों की मौत के बाद अब नीतीश सरकार विरोधियों के साथ ही अपनों के भी निशाने पर हैं। सरकार को समर्थन कर रही भाकपा-माले ने जहरीली शराब से मरे लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शामिल होने आए माले विधायकों ने गुरुवार को नीतीश सरकार से मांग की कि राज्य में शराबबंदी के नाम पर दलितों-गरीबों पर दमन चलाना बंद हो।

विधानसभा परिसर में माले विधायकों ने प्लेकार्ड लहराते हुए छपरा शराबकांड को शराबबंदी की विफलता का उदाहरण कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में में शराबबंदी के नाम पर दलितों-गरीबों पर दमन हो रहा है। यहां तक कि आए दिन लोगों की शराब पीने से मौत हो रही है। ऐसे में नीतीश सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाए। विशेषकर छपरा में शराब पीने से जो मौतें हुई हैं, उसमें पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए।

माले विधायकों ने कई अन्य मुद्दों पर नीतीश सरकार सहित केंद्र सरकार को घेरा। विधयाकों ने हंसाडीह (मसौढ़ी) में निर्वस्त्र कर महिलाओं को पीटने वाले दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। मृतक सोमदेवी को परिजनों को मुआवजा देने की मांग की गई। वहीं केंद्र की मोदी सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार जवाब दो! खाद की कमी का हिसाब दो!  इसके अलावा पटना के फुटपाथ दुकानदारों को उजाड़ना बंद करने और उनके लिए वेडिंग जोन की व्यवस्था करने की मांग नीतीश सरकार से की गई।

भाकपा-माले के विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि भाजपाई साजिश की जांच होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से मृतकों के परिजनों को दस लाख मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि शराब माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई हो। शराबबंदी कानून सही है, लेकिन जिन माफियाओं पर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होती वो बहुत दुखद है। सरकार को इस पर गंभीर होना चाहिए। साथ ही प्रशासन को भी गंभीर होना चाहिए ताकि बिहार में शराब न आ सके।

विधायक मनोज मंजिल के साथ माले के ही एक अन्य विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि बिहार में बुलडोजर राज न चले। इस मामले को लेकर सरकार हाई कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखे ताकि गरीबों की परेशानी कम हो। इसके साथ ही उन्होंने सारण जहरीली शराब से मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की।

टॅग्स :नीतीश कुमारमहागठबंधनबिहारBihar Police
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