बिहार में नीतीश कुमार कल 7वीं बार लेंगे CM पद की शपथ: राजभवन से मिला न्योता, मंत्रियों की संख्या पर जारी है चर्चा
By एस पी सिन्हा | Published: November 15, 2020 05:32 PM2020-11-15T17:32:59+5:302020-11-15T21:33:54+5:30
राज्यपाल से मुलाकता के बाद नीतीश कुमार ने बताया कि हमारे विधायकों के समर्थन पत्र को स्वीकार कर लिया है और कल शाम 4.30 बजे शपथ का कार्यक्रम होगा. वहीं, उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री के लिए नाम तय नहीं हुआ है.
पटना: बिहार की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री आवास पर हुई एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश कुमार को एनडीए विधायक दल का नेता चुना गया. इसकी घोषणा राजनाथ सिंह ने की. एनडीए विधायक दल नेता का चुने जाने के बाद नीतीश कुमार ने कहा, मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था. मैं तो चाहता था भाजपा से काई मुख्यमंत्री बने. भाजपा के आग्रह के बाद मैंने मुख्यमंत्री पद को स्वीकार किया. बैठक के बाद नीतीश कुमार सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद राजभवन पहुंचे और विधायकों का समर्थन पत्र सौंपने के बाद मुख्यमंत्री आवास लौट गए. राज्यपाल फागू चौहान ने विधायकों का समर्थन पत्र स्वीकार करने के बाद एनडीए को सरकार बनाने का न्यौता दिया है.
राज्यपाल से मुलाकता के बाद नीतीश कुमार ने बताया कि हमारे विधायकों के समर्थन पत्र को स्वीकार कर लिया है और कल शाम 4.30 बजे शपथ का कार्यक्रम होगा. वहीं, उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री के लिए नाम तय नहीं हुआ है. इसके अलावा मंत्रीमंडल में कौन-कौन शामिल होगा, इस पर भी चर्चा होगा. इसके अलावा नीतीश कुमार ने कहा कि अभी स्पीकर को लेकर भी कोई चर्चा नहीं हुइ है. इसके साथ ही नीतीश कुमार कल 7वीं बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार के अलावा नीतीश सरकार के मंत्री रहे कई चेहरे इस बार फिर से मंत्री बनेंगे. शपथ ग्रहण समारोह के लिए राजभवन में हलचल तेज हो गया है.
हलांकि चर्चा है कि बिहार में एक बार फिर से जोडी नंबर वन की सरकार होगी. पिछले 15 साल से बिहार की सियासत में जिस जोडी का जलवा रहा वह जोडी एक बार फिर से सत्ता में साथ साथ दिख सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उप मुख्यमंत्री के तौर पर एक बात सुशील मोदी ही नजर आने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है. हालांकि कटिहार के चुने गए विधायक तारकेश्वर प्रसाद को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है. वहीं रेणु देवी को उपनेता के रूप में चुना गया है. इसकी आधिकारिक घोषणा राजनाथ सिंह ने कर दी है.
एनडीए की बैठक से पहले पटना में जदयू के विधायकों की बैठक हुई. इस बैठक में नीतीश कुमार को जदयू के विधायक दल का नेता चुना गया. इसके बाद एनडीए विधानमंडल दल की बैठक हुई, जिसमें सभी दलों ने सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को नेता चुना. इसके बाद चारों दल अपने-अपने विधायकों का समर्थन पत्र एनडीए विधानमंडल दल के नेता को सौंप दिया. जिसके बाद विधानमंडल दल के नेता की अगुवाई में चारों दल के प्रमुख नेता राजभवन गये, जहां महामहिम राज्यपाल को 126 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा गया.
उधर, भाजपा नेता तारकेश्वर प्रसाद को एनडीए विधायक दल का उप नेता चुना गया. सुशील कुमार मोदी ने एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में ही इसका प्रस्ताव रखा. इनके उप नेता बनने से उप मुख्यमंत्री बनने के लिए प्रबल संभावना तार किशोर प्रसाद की हो गई है. सूत्रों के अनुसार बैठक में सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 30 सालों में पार्टी ने हमें कई जिम्मेदारियां दी. विधायक दल के नेता, विरोधी दल के नेता से लेकर उप मुख्यमंत्री तक के पद पर रहा. मेरी दिली इच्छा है कि पार्टी का ही कोई विधायक उप नेता बने. उनके इस बयान से यह साफ हो गया कि सुशील मोदी संभवतः मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हों.
इसके अलावे भाजपा विधायक दल का नेता तार किशोर प्रसाद को चुना गया है. जबकि बेतिया से चुनकर आने वाली रेणु देवी को भाजपा ने विधानसभा में विधायक दल का उप नेता चुना गया हैं. वहीं, सूत्रों की मानें तो भाजपा कार्यालय में हुई विधायक दल की बैठक में सुशील मोदी के नाम का विरोध हुआ था. यह विरोध दो वरिष्ठ नेताओं ने किया. इसमें एक नेता छह बार तो दूसरे 8 बार से हैं विधायक. दोनों ने उप मुख्यमंत्री के रूप में सुशील मोदी का नाम बढाए जाने का विरोध किया. इसके चलते राजनाथ सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हुए.
यहां उल्लेखनीय है कि इस बार भाजपा ने 74 सीटें जीती हैं. पिछली बार की तुलना में इस बार उसके 21 अधिक विधायक जीतकर आए हैं. वहीं, जदयू के विजयी उम्मीदवारों की संख्या 71 से घटकर 43 रह गई है. वहीं, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के चार-चार विधायक जीतकर आए हैं. यहां बता दें कि नियम के मुताबिक बिहार के विधानसभा में सीटों की संख्या के मुताबिक अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं.