शराब पीने वालों को नहीं होगी जेल, जुर्माने पर रिहा होंगे, शराबबंदी कानून में बदलाव पर विचार!

By एस पी सिन्हा | Published: January 18, 2022 03:25 PM2022-01-18T15:25:35+5:302022-01-18T15:26:29+5:30

नीतीश सरकार बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रही है. ऐसे मामलों के लिए विशेष कोर्ट स्थापित करने की भी तैयारी चल रही है. 

Nitish Kumar govt Bihar likely relax prohibition law drink alcohol not be jailed fine patna nda jdu bjp | शराब पीने वालों को नहीं होगी जेल, जुर्माने पर रिहा होंगे, शराबबंदी कानून में बदलाव पर विचार!

सूत्रों के अनुसार अभी 30-40 फीसद कांड शराब पीने वालों के खिलाफ हैं.

Highlights बिहार में शराबबंदी का उल्लंघन करने पर दंड के प्रावधान बदल सकते हैं. जुर्माना या जेल अथवा जुर्माना और जेल दोनों के दंड मिल सकते हैं.बडे़ शराब माफिया और तस्करों को जल्द से जल्द सजा दिलाना भी है.

पटनाः बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार फजीहत झेल रहे हैं. नीतीश के ही गृह जिले नालंदा में एक दर्ज से अधिक लोगों की हुई मौत के बाद सरकार शराबबंदी पर घिरती जा रही है.

 

शराबबंदी कानून की समीक्ष को लेकर सत्ताधारी दल में लगातार तकरार देखी जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ सुप्रीमकोर्ट से लेकर हाईकोर्ट के द्वारा हाल के दिनों में की गई टिप्पणियों ने सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है. उसके बाद अब राज्य सरकार मौजूदा कानून में संशोधन करने पर विचार कर रही है.

बताया जाता है कि आने वाले दिनों में बिहार में शराबबंदी का उल्लंघन करने पर दंड के प्रावधान बदल सकते हैं. इसके लिए नीतीश सरकार बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए संशोधन में शराब पीने के अपराध में पकडे़ गए अभियुक्तों को जेल भेजने के बजाय मजिस्ट्रेट के समक्ष तय जुर्माना भरकर छोडे जाने का प्रविधान किया जा सकता है. जुर्माना न भरने की स्थिति में ही जेल भेजा जाएगा. आगे अपराध की गंभीरता के आधार पर केवल जुर्माना या जेल अथवा जुर्माना और जेल दोनों के दंड मिल सकते हैं.

वहीं, नई व्यवस्था का उद्देश्य कोर्ट में लंबित मामले को कम करने के साथ बडे़ शराब माफिया और तस्करों को जल्द से जल्द सजा दिलाना भी है. सूत्रों के अनुसार अभी 30-40 फीसद कांड शराब पीने वालों के खिलाफ हैं. इनके कारण शराब तस्करी से जुडे़ बडे़ मामलों की सुनवाई भी प्रभावित हो रही.

संशोधन के बाद न्यायालयों में लंबित आवेदनों का दबाव कम होगा तो बडे़ शराब माफिया और तस्करों के मामलों की सुनवाई जल्द पूरी हो सकेगी. उनका ट्रायल जल्द पूरा कराकर सजा दिलाने की दर भी बढ़ाई जाएगी. सूत्रों के अनुसारा नए प्रस्ताव के अनुसार शराब पीते पकडे़ जाने पर पुलिस या मद्य निषेध विभाग के अधिकारी ऑन द स्पॉट फैसले लेकर छोड़ सकेंगे.

हालांकि इस संशोधन प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री और अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. चर्चा है कि बजट सत्र में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव सदन में लाया जा सकता है. मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग ने मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम-2016 में संशोधन का प्रारंभिक खाका तैयार किया है. इसे विचार के लिए गृह विभाग के पास भेजा गया है.

वहां से सहमति मिलने या सुझाए संशोधन के आधार पर प्रारंभिक खाके में फिर से बदलाव किया जाएगा. इसके बाद विधि विभाग और मुख्यमंत्री की सहमति के बाद अंतिम रूप से तैयार किया जाएगा. अगर सबकुछ ठीकठाक रहा तो आगामी बजट सत्र में इसे पेश भी किया जा सकता है.

अपर मुख्य सचिव केके पाठक के स्तर से प्रस्तावित संशोधन पर सूक्ष्मता से विचार किया जा रहा है. सरकार संशोधन के प्रस्ताव को तैयार कर रही है उसमें यह नियम भी हो सकता है कि शराब के धंधे में पकडी गई गाडियों को पेनाल्टी देकर छोड़ दिया जाए, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि शराबबंदी कानून में संशोधन किया जा रहा है.

इसके पहले साल 2018 में भी संशोधन किया गया था और तब जमानत की व्यवस्था दी गई थी. बिहार मद्य निषेध और उत्पाद शुल्क (संशोधन) कानून 2018 के तहत शराब पीते हुए पकड़े जाने के अपराध को जमानती बनाया गया. वहीं, बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के प्रस्तावित संशोधन में शराब बेचने और पीने के आरोप में पकडे़ गए लोगों के लिए अलग-अलग कोर्ट स्थापित करने के प्रावधान पर भी विचार चल रहा है. अलग-अलग मामलों में आपराधिक और दीवानी प्रक्रिया के तहत मुकदमों का त्वरित निष्पादन किया जाएगा. जिले में ऐसे मामलों के लिए विशेष कोर्ट स्थापित करने की भी तैयारी चल रही है. 

Web Title: Nitish Kumar govt Bihar likely relax prohibition law drink alcohol not be jailed fine patna nda jdu bjp

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