पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना में छठ घाटों का निरीक्षण किया। लेकिन इस दौरान उन्होंने स्टीमर से तौबा की और गंगा नदी में स्टीमर से छठ घाटों का निरीक्षण करने के बजाय गाड़ी से ही तैयारियों का जायजा लिया। स्टीमर से तौबा करने पीछे 15 तारीख की घटना है, जब गंगा नदी में जेपी सेतु के पाए से स्टीमर टकरा गया था। उसमें सीएम नीतीश खुद चोटिल हो गये थे। यही वजह है कि नीतीश कुमार ने इस बार अपना निर्णय बदल लिया और गाड़ी से ही छठ घाटों का निरीक्षण किया।
अब तक मुख्यमंत्री गंगा नदी में स्टीमर पर सवार होकर दीघा घाट से गायघाट तक के छठ घाटों की तैयारी का जायजा लेते थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया कि पिछले दिनों ही घाट निरीक्षण के दौरान ही गंगा नदी में अचानक स्टीमर बंद हो गया था और दीघा ब्रिज के पिलर से टकरा गया था। इस हादसे में उन्हें पेट और पैर में चोट लगी है, लेकिन इन सबके बावजूद वो अब फिर घाट निरीक्षण के लिए निकले हैं।
उन्होंने खुद को लगी चोट के बारे में मीडिया को बताया। उन्होंने अपना कुर्ता उठाकर दिखाया कि उनके पेट में चोट लगी है। नीतीश कुमार के पेट पर पट्टियां लगी हुई थी। उन्होंने बताया कि पेट और पैर में चोट लगी थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि डाक्टर ने जख्म वाली जगह को सुरक्षित रखने को कहा है। उन्हें अब भी दिक्कत है, जिसके कारण वे अपनी कार की अगली सीट पर नहीं बैठ सकते हैं। उनकी गाड़ी पर बैठे मंत्री हंसने लगे तो मुख्यमंत्री ने कहा कि छोड़िए ना भाई, चोट लगा हुआ है।
उन्होंने कहा कि हम तो काम करते रहते हैं, लेकिन अब हमको सड़क मार्ग से जाना पड़ रहा है। स्टीमर से नहीं जा पा रहे हैं। उस दिन टक्कर काट दिया। 2006 से ही घूम रहे हैं, लेकिन पहली दफा ऐसा हुआ। इसलिए सड़क मार्ग से हमने चलने का फैसला लिया। बता दें कि नीतीश कुमार पिछले दिनों पटना के विभिन्न छठ घाटों के निरीक्षण के लिए निकले थे। इसी दौरान जेपी सेतु पुल से उनका स्टीमर टकरा गया और उन्हें चोट लग गई थी। जेपी सेतु से अचानक स्टीमर के टकराने से हड़कंप सा मच गया था, लेकिन उस दिन उन्हें चोट लग जाने की ज्यादा चर्चा नहीं हुई थी। अधिकारियों ने तो इतना तक कह दिया था कि मुख्यमंत्री को चोट नहीं आई है और वे बिल्कुल ठीक हैं।