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सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर जब सपने पूरे नहीं होते तो उनकी पिटाई भी होती है : नितिन गडकरी

By विकास कुमार | Updated: December 22, 2018 11:35 IST

नेताओं की पिटाई वाले बयान को हाल ही में भाजपा के तीन राज्यों में हार के संदर्भ से जोड़ कर देखा जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि नरेन्द्र मोदी ने 2014 में केंद्र की सत्ता प्राप्त करने के लिए बहुत लंबे-चौड़े वादे किए थे। लेकिन आज सरकार कहीं न कहीं सरकार उन वादों को पूरा करने में फेल होती हुई दिख रही है।

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देश के सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं द्वारा किए जाने वाले राजनीतिक वादों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, 'सपने दिखाने वाले लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने जब पूरे नहीं होते हैं तो उन नेताओं की लोग पिटाई भी करते हैं।'  गंगा के कायाकल्प का जिम्मा संभाल रहे नितिन गडकरी गंगा को निर्मल और स्वच्छ बनाने वाले एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। जिसमें पानी के 10 सेंटीमीटर ऊपर एयरबोट चलाने की परिकल्पना की गई है। 

द टेलीग्राफ के खबर के मुताबिक, नितिन गडकरी ने कहा, 'एयरबोट का ट्रायल 26 जनवरी को दिल्ली से आगरा के बीच और प्रयागराज से वाराणसी के बीच होगा। उन्होंने आशा जताई है कि अगर यह प्रयोग सफल हुआ तो पर्यटन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।' उन्होंने साथ ही में कहा कि गंगा सफाई का काम एक बहुत ही कठिन काम था, लेकिन उन्होंने कहा कि मैंने जो सपना लोगों को दिखाया और उसके लिए जो काम किया, लोगों के उसकी सराहना की है।

गडकरी ने इसी कार्यक्रम में कहा कि हम फ्लोटिंग जेट्स बनायेंगे। अच्छे घाट बनेंगे। नदी के दोनों तरफ पेड़ लगाये जायेंगे। लोग आयेंगे और गंगा उन्हें प्राकृतिक सुख देगी। 

नेताओं की पिटाई वाले बयान को हाल ही में भाजपा के तीन राज्यों में हार के संदर्भ से जोड़ कर देखा जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि नरेन्द्र मोदी ने 2014 में केंद्र की सत्ता प्राप्त करने के लिए बहुत लंबे-चौड़े वादे किए थे। लेकिन आज सरकार कहीं न कहीं सरकार उन वादों को पूरा करने में फेल होती हुई दिख रही है। 

हाल ही में नितिन गडकरी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वो कहते हुए दिखे थे कि हमने लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए कुछ वादे जानबूझकर बढ़ा-चढ़ा कर किया था। 

इस बीच कयास भी लगाये जा रहे हैं कि अगर भाजपा को 2019 में पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में आगे किया जा सकता है। 

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