लोकसभा में हिंदी भाषा पर नोकझोंक,  ‘निशंक’ ने कहा, नयी शिक्षा नीति का मसौदा तैयार, सुझावों के बाद अंतिम रूप देगी सरकार

By भाषा | Published: June 24, 2019 01:30 PM2019-06-24T13:30:30+5:302019-06-24T13:30:30+5:30

मंत्री के जवाब पर असंतोष प्रकट करते हुए द्रमुक के सदस्यों ने कहा कि मंत्री प्रश्न का स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। द्रमुक नेता टी आर बालू ने कहा कि क्या सरकार पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के उस आश्वासन की अनुपालना का भरोसा दिलाएगी कि हिंदी भाषा को थोपा नहीं जाएगा। इस दौरान सदन में थोड़ी देर के लिए नोंकझोंक देखने को मिली।

'Nishank' said in Lok Sabha, draft new education policy and finalize the government after suggestions. | लोकसभा में हिंदी भाषा पर नोकझोंक,  ‘निशंक’ ने कहा, नयी शिक्षा नीति का मसौदा तैयार, सुझावों के बाद अंतिम रूप देगी सरकार

मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा कि त्रिभाषा सूत्र को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 में अपनाया गया है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में इसे दोहराया गया है।

Highlightsलोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने पूरक प्रश्न कि क्या हिंदी भाषा को अनिवार्य बनाया जा रहा है?लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने द्रमुक सदस्यों से कहा कि वे इस पर चर्चा के लिए कभी और आग्रह कर सकते हैं।

लोकसभा में नयी शिक्षा नीति को लेकर सदस्यों की चिंताओं के बीच सरकार ने सोमवार को कहा कि अभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा मंत्रालय की वेबसाइट पर विभिन्न पक्षों की टिप्पणियों एवं सुझाव के लिये जारी किया गया है और इन सुझावों की जांच के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जायेगा।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने पूरक प्रश्न कि क्या हिंदी भाषा को अनिवार्य बनाया जा रहा है? इसके जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि अभी नयी शिक्षा नीति का मसौदा तैयार हुआ है और सभी सदस्य अपने सुझाव दे सकते हैं। सरकार सभी सुझावों पर विचार करने के बाद ही नयी शिक्षा नीति को अंतिम रूप देगी।

मंत्री के जवाब पर असंतोष प्रकट करते हुए द्रमुक के सदस्यों ने कहा कि मंत्री प्रश्न का स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। द्रमुक नेता टी आर बालू ने कहा कि क्या सरकार पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के उस आश्वासन की अनुपालना का भरोसा दिलाएगी कि हिंदी भाषा को थोपा नहीं जाएगा। इस दौरान सदन में थोड़ी देर के लिए नोंकझोंक देखने को मिली।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने द्रमुक सदस्यों से कहा कि वे इस पर चर्चा के लिए कभी और आग्रह कर सकते हैं। इससे पहले, भाजपा की प्रीतम मुंडे ने सवाल किया कि क्या नयी शिक्षा नीति के तहत उर्दू को भी एक भाषा के तौर पर जगह दी जा रही है?

इसके जवाब में निशंक ने कहा कि उर्दू, तमिल और दूसरी सभी भारतीय भाषाओं के विकास के लिए सरकार पूरी ताकत के साथ काम कर रही है निशंक ने कहा, ‘‘ डा. के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए गठित समिति ने मंत्रालय को 31 मई 2019 को अपना मसौदा सौंप दिया है।’’ उन्होंने कहा कि मसौदे को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर पक्षकारों की टिप्पणियों के लिये अपलोड किया गया है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को विभिन्न पक्षों से प्राप्त सुझावों/टिप्पणियों की जांच करने के बाद ही सरकार द्वारा अंतिम रूप दिया जायेगा । निशंक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ एक कार्यान्वयन योजना बनाई जायेगी जिसमें विशिष्ट पहल, निवेश और परिणाम शामिल होंगे।

मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा कि त्रिभाषा सूत्र को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 में अपनाया गया है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में इसे दोहराया गया है। मसौदा एनईपी 2019 के पैरा 4.5 में भाषा की शक्ति और बहु भाषा तथा शुरुआती चरणों में स्थानीय भाषा, मातृ भाषा में शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया गया है।

मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त धारा 4.5 की विभिन्न उपधाराएं बच्चों की संज्ञानात्मक योग्याताओं में वृद्धि करने के लिये और अधिक भाषाओं को सीखने के महत्व, उन व्यक्तियों के लिये द्विभाषीय दृष्टिकोण अपनाने से संबंधित हैं जिनकी भाषा अनुदेश के प्राथमिक माध्यम से भिन्न है।

इसके अतिरिक्त मौजूदा त्रिभाषा सूत्र को उसकी भावना के अनुरूप कार्यान्वयन के महत्व की पुन: पुष्टि करते हुए मसौदे में भाषाओं के विकल्प के संबंध में लचीलेपन का प्रस्ताव भी है। 

Web Title: 'Nishank' said in Lok Sabha, draft new education policy and finalize the government after suggestions.

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