कहीं नाइट कर्फ्यू तो कहीं लॉकडाउन, क्या मार्च की तरह हमें घरों में फिर कैद करेगा कोरोना?

By गुणातीत ओझा | Published: November 20, 2020 03:44 PM2020-11-20T15:44:38+5:302020-11-20T21:03:20+5:30

सर्दियों के बढ़ने के साथ ही कोरोना के केसों में भी इजाफा हुआ है। ऊपर से त्योहारी मौसम ने लोगों की भीड़ को बढ़ा दिया है।

Night curfew lockdown at many places in india will Corona imprison us in homes like March again | कहीं नाइट कर्फ्यू तो कहीं लॉकडाउन, क्या मार्च की तरह हमें घरों में फिर कैद करेगा कोरोना?

coronavirus lockdown (file pic)

Highlightsसर्दियों के बढ़ने के साथ ही कोरोना के केसों में भी इजाफा हुआ है।त्योहारी मौसम ने लोगों की भीड़ को बढ़ा दिया है।

क्या कोरोना की दूसरी लहर भारत में आ चुकी है? क्या कोरोना के केस फिर से तेजी से बढ़ेंगे? ठंड के मौसम में कोरोना का खतरा बढ़ेगा या सामान्य रहेगा? इस महामारी को लेकर एक बार फिर लोगों के जेहन में ये सवाल उठने लगे हैं। जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती रह-रह कर ये सवाल हमेशा परेशान करते रहेंगे। लेकिन हकीकत यह भी है कि सर्दियों के बढ़ने के साथ ही कोरोना के केसों में भी इजाफा हुआ है। ऊपर से त्योहारी मौसम ने लोगों की भीड़ को बढ़ा दिया है। दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित देश के कई हिस्सों में कोरोना के केसों में एक बार फिर उछाल देखने को मिल रहा है। हो सकता है स्थिति को सामान्य रखने के लिए एक बार फिर हमें नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन को झेलना पड़ सकता है। क्या हम दोबारा मार्च वाली स्थिति में पहुंच रहे हैं, जब कोरोना ने सभी को घरों में कैद कर दिया था। डब्ल्यूएचओ की चेतावनी और कई यूरोपीय देशों के अनुभव तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं। वहीं, जानकारों की मानें तो पूरे देश या राज्य में लॉकडाउन नहीं लग सकता, लेकिन अधिक केसों वाले जिलों और शहरों में फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है। आइये आपको बताते हैं क्यों एक बार फिर मार्च जैसे लॉकडाउन की बातों ने जोर पकड़ लिया है...

यूपी के हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर में 25 से 30 नवंबर के बीच लॉकडाउन लगा दिया गया है। यहां लॉकडाउन अधिक कोरोना केसों की वजह से नहीं बल्कि गंगा किनारे लोगों के जुटान को रोकने के लिए किया गया है। गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। इस बार कोरोना की वजह से यहां भारी भीड़ ना जुटे इसलिए स्थानीय प्रशासन ने यह फैसला लिया है। वेस्ट यूपी के मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, जैसे जिलों  में श्रद्धालुओं को रोकने के लिए लेटर भेजा गया है। वहीं मेरठ, बुलंदशहर, नोएडा और गाजियाबाद की सीमा पर बेरिकेडिंग की जा रही है, जिससे भारी संख्या में श्रद्धालु ना आ पाएं। हापुड़ जिले में धारा 144 लागू कर दिया गया है। गंगा स्नान के लिए यहां विभिन्न प्रदेशों से 50 लाख लोग आते हैं। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को है। 

अब बात करें गुजरात की तो यहां अहमदाबाद में कोरोना संक्रमण के प्रसार पर ब्रेक लगाने के लिए शुक्रवार से निगम सीमा अंतर्गत 57 घंटे का कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया है। यहां 23 नवंबर से माध्यमिक स्कूल और कॉलेज खोलने के फैसले पर भी रोक लगा दी गई है। अहमदाबाद में 20 नवंबर रात 9 बजे से कर्फ्यू शुरू होगा, जो  23 नवंबर की सुबह 6 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान केवल दूध और दवा की दुकानें ही खुली रहेंगी। 

देश की राजधानी दिल्ली का हाल सबसे बुरा है.. यहां कोरोना का ग्राफ तेजी से भाग रहा है। तेजी से संक्रमित होते लोग और कई मरीजों की जान जाने के बाद दिल्ली को लेकर टेंशन बढ़ गई है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल सरकार ने जुर्माना राशि में वृद्धि की है। शादियों में मेहमान की संख्या में कमी की है। छठ पूजा पर लोगों को नदियों और तालाबों के किनारे जाने की इजाजत नहीं दी गई है। बड़े बाजारों में फिर लॉकडाउन पर विचार भी किया जा रहा है। दिल्ली में नवंबर के शुरुआती 16 दिनों में 1 लाख से अधिक नए केस सामने आए हैं। 12 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई। बदतर होती इस स्थिति में राजधानी दिल्ली में एक बार फिर लोगों को सख्त नियमों का पालन करना पड़ सकता है।

वहीं मध्यप्रदेश में भी कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। यहां गृह विभाग कोरोना संबंधी नए दिशानिर्देश जारी कर सकता है। इसमें लॉकडाउन से संबंधित दिशानिर्देश भी शामिल हो सकते हैं। भोपाल और इंदौर समेत सभी जिलों में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी भोपाल में गुरुवार को लगभग 450 नए मरीज मिले।

अब बात करते हैं डब्ल्यूएचओ के चेतावनी के बारे में... विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा है कि सर्दियों के करीब आते ही पूरे पश्चिम एशिया में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बड़ी संख्या में मौतों को रोकने के लिए देशों को पाबंदियों को और कड़ा करने की जरूरत है, साथ ही बचाव के कदम उठाने की जरूरत है।

अमेरिका के ओहियो प्रांत की बात करें तो यहां 21 दिन का कर्फ्यू लगा दिया गया है। स्कूलों को दोबारा खोलने की योजनाएं भी फिलहाल स्थगित की जा रही हैं। डॉक्टरों ने लोगों से बड़े समारोह ना करने की अपील की है। अमेरिका में चुनाव के बाद से रिपब्लिकन पार्टी वाले राज्यों ने सख्ती से फैसला लेना शुरू किया है।

स्कॉडलैंड में तो सरकार ने कोरोना के अचानक बढ़ते मामलों को देखते हुए टियर-3 और टियर-4 स्तर के प्रतिबंध लागू करने का फैसला किया है। यहां घरों में मेलजोल, एक शहर से दूसरे शहर जाने की पाबंदी होगी। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। होटल केवल शाम छह बजे तक खुलेंगे। सरकार ने कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में घर छोड़ने वालों को गिरफ्तार करने का प्रावधान किया है। इसके अलावा शहर छोड़कर दूसरी जगह जाना भी अपराध माना जाएगा।  

ब्रिटेन में टियर-4 स्तर के कड़े प्रतिबंध लागू करने की तैयारी की गई है। सरकार यहां एक माह का लॉकडाउन लागू करने का आदेश पहले ही दे चुकी है। ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस ने फिलहाल वेल्स, ग्रेटर मैनचेस्टर, लिवरपूल सिटी, लंकाशायर, साउथ यॉर्कशायर और स्कॉटलैंड में लॉकडाउन लगाया है। ब्रिटेन में कोविड-19 से मौतों की संख्‍या यूरोप के सभी देशों से अधिक है। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार महामारी से मौत में सबसे अधिक संख्‍या वाला दुनिया का पांचवां देश है। 

Web Title: Night curfew lockdown at many places in india will Corona imprison us in homes like March again

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