लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर कसा NIA का शिकंजा, एजेंसी ने प्रमुख सहयोगी विक्रम बराड़ को यूएई से किया गिरफ्तार
By अंजली चौहान | Published: July 26, 2023 07:10 PM2023-07-26T19:10:52+5:302023-07-26T19:13:46+5:30
विक्रमजीत सिंह के निर्वासन की सुविधा के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी की एक टीम संयुक्त अरब अमीरात गई थी।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के प्रमुख सहयोगी विक्रमजीत सिंह को संयुक्त अरब अमीरात से निर्वासन के बाद गिरफ्तार किया है। एनआईए द्वारा ये बड़ी कामयाबी है और लॉरेंस के खास को गिरफ्तार करने से निश्चित ही इस मामले में और कई नए खुलासे हो सकते हैं।
गौरतलब है कि प्रसिद्ध पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपियों में से एक सिंह के निर्वासन की सुविधा के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी की एक टीम संयुक्त अरब अमीरात गई थी। यह गिरफ्तारी मंगलवार को एक आतंकी-गैंगस्टर साजिश मामले में की गई, जिसकी जांच संघीय एजेंसी कर रही है।
एनआईए ने इस मामले को लेकर अभी तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी तेजी से इस मामले में कार्रवाई कर रही है।
In a major catch in the terror-gangster-smuggler nexus case, National Investigation Agency (NIA) yesterday arrested Vikramjeet Singh alias Vikram Brar, a key aide of notorious jailed gangster Lawrence Bishnoi, immediately after his deportation from UAE to India. A team from NIA… pic.twitter.com/fnoHRxJk4Z
— ANI (@ANI) July 26, 2023
कई मामलों में आरोपी है विक्रम बराड़
विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़ कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ जैसे गैंगस्टरों की मदद से भारत में हथियारों की तस्करी और जबरन वसूली में शामिल था।
विक्रमजीत सिंह भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम के तहत हत्या, हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के कम से कम 11 मामलों में वांछित था और 2020 से फरार था।
एनआईए की जांच के निष्कर्षों के अनुसार, बराड़ ने कथित तौर पर मूसेवाला की हत्या को अंजाम देने में गोल्डी बराड़ की मदद की थी। एनआईए ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बिश्नोई ने हवाला चैनलों के माध्यम से कई बार बराड़ को उगाही की गई धनराशि भी भेजी थी।
गौरतलब है कि विक्रम बराड़ संयुक्त अरब अमीरात से लॉरेंस बिश्नोई आतंकी गिरोह के लिए 'संचार नियंत्रण कक्ष' (सीसीआर) के रूप में काम कर रहा था।
यह सीसीआर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार (कनाडा में स्थित) की कॉल की सुविधा भी दे रहा था और उनके निर्देशों पर, वह विभिन्न लोगों को जबरन वसूली कॉल करता था।
यह गिरफ्तारी इंटरपोल द्वारा क्रमशः संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन में रहने वाले विक्रम बराड़ और कपिल सांगवान उर्फ नंदू के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने के कुछ दिनों बाद हुई है।
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, विक्रम बराड़ ने संयुक्त अरब अमीरात से लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की आपराधिक गतिविधियों के लिए वित्तीय सौदों और रसद को संभाला और गिरोह और खालिस्तानी आतंकवादियों के बीच एक पुल के रूप में काम किया।
विक्रम बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई ने चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय में एक साथ पढ़ाई की और बाद में करीबी दोस्त बन गए। बराड़, अन्य सहयोगियों के साथ, जबरन वसूली, हत्या, हत्या के प्रयास आदि जैसे विभिन्न अपराधों में शामिल था।
वह राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में गिरोह की आतंकवादी गतिविधियों को सुविधाजनक बना रहा है और लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट और समर्थक के बीच एक पुल के रूप में कार्य कर रहा है।