एनजीटी ने देश भर में जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन केंद्रों को एसपीसीबी से मान्यता लेने का निर्देश दिया

By भाषा | Published: January 19, 2021 05:33 PM2021-01-19T17:33:08+5:302021-01-19T17:33:08+5:30

NGT instructs biomedical waste management centers across the country to seek recognition from SPCB | एनजीटी ने देश भर में जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन केंद्रों को एसपीसीबी से मान्यता लेने का निर्देश दिया

एनजीटी ने देश भर में जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन केंद्रों को एसपीसीबी से मान्यता लेने का निर्देश दिया

नयी दिल्ली, 19 जनवरी राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मंगलवार को देश भर के सभी जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन केंद्रों को निर्देश दिया कि वे राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) से मान्यता हासिल करें। साथ ही इसने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से कहा कि वह जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराए।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि खतरनाक जैव चिकित्सा कचरा को सामान्य कचरे में नहीं मिलाया जाए।

पीठ ने कहा, ‘‘सीपीसीबी को समय-समय पर अनुपालन स्थिति की समीक्षा करने की जरूरत है, कम से कम हर तीन महीने पर एक बार और वह प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर निर्देश जारी करे।’’

अधिकरण ने कहा कि जैव कचरा प्रबंधन नियमों का उल्लंघन करने के लिए 130 स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर लगाए गए 7.17 करोड़ रुपये और छह सामान्य जैव चिकित्सा कचरा शोधन केंद्रों पर लगाए गए 85 लाख रुपये का पर्यावरण जुर्माना वसूला जाए।

पीठ ने कहा, ‘‘सीपीसीबी सुनिश्चित कर सकता है कि कचरे का केवल अधिकृत एजेंसी के माध्यम से निस्तारण किया जाए। अनधिकृत पुनर्चक्रमण करने वाले द्वारा चोरी नहीं हो। पर्याप्त संख्या में सामान्य जैव चिकित्सा केंद्रों का निर्माण किया जाए।’’

अधिकरण ने कहा कि सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिव हर तीन महीने पर कम से कम एक बार अनुपालन की निगरानी करें। अधिकरण ने कहा कि मुख्य सचिव सुनिश्चत कर सकते हैं कि उनके अधिकार क्षेत्र में हर स्वास्थ्य देखभाल केंद्र मान्यता हासिल करें और नियमों का पालन करें।

पीठ ने कहा, ‘‘इसी तरह से जिलाधिकारी अपने स्तर पर अपने जिलों में जिला पर्यावरण योजना के मुताबिक आवश्यक कदम उठा सकते हैं। कचरों का जमीन की गहराई में निस्तारण करते हुए सुनिश्चित किया जा सकता है कि भूजल दूषित नहीं हो।’’

सीपीबीसी ने मंगलवार को अधिकरण से कहा कि देश भर में 1.60 लाख से अधिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों ने जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन नियमों के तहत आवश्यक अनुमति हासिल नहीं की है और वे बिना मान्यता के चल रहे हैं।

शीर्ष प्रदूषण निगरानी निकाय ने हरित पैनल से कहा कि विभिन्न राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सौंपी गई वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2,70,416 स्वास्थ्य केंद्रों में से केवल 1,11,122 केंद्रों ने मान्यता के लिए आवेदन दिया है और 1,10,356 केंद्रों को मान्यता मिली है।

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Web Title: NGT instructs biomedical waste management centers across the country to seek recognition from SPCB

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