लाइव न्यूज़ :

एमएसपी पर केंद्र ने राज्यों के पाले में डाली गेंद, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- स्टेट चाहें तो अपने यहां लाएं कानून

By एसके गुप्ता | Updated: November 21, 2020 20:23 IST

एमएसपी न तो पहले किसी कानून का हिस्सा था और न ही अब किसी कानून का हिस्सा है। तोमर ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि जो भी राज्य ऐसी मांग कर रहे है वह चाहें तो अपने यहां राज्य के कृषि कानून में संशेधन कर एमएसपी का प्रावधान कर सकते हैं। इसमें केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है।

Open in App
ठळक मुद्देकृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि सुधार के लिए लागू किए तीनों विधेयकों का एमएसपी से कोई लेना-देना नहीं है।देश में किसान केंद्र की ओर से पारित किए गए कृषि सुधार कानूनों का विरोध नहीं कर रहे हैं। टैक्स किसान कि फसल खरीद पर लिए जाते थे। उसे यह बंदिश थी कि वह अपनी फसल मंडी में ही बेच सकता है।

नई दिल्लीः नए कृषि सुधार कानून में एमएसपी दरों पर फसल खरीद शब्द को जोड़ने की मांग को लेकर हो रहे विरोध पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि सुधार के लिए लागू किए तीनों विधेयकों का एमएसपी से कोई लेना-देना नहीं है।

एमएसपी न तो पहले किसी कानून का हिस्सा था और न ही अब किसी कानून का हिस्सा है। तोमर ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि जो भी राज्य ऐसी मांग कर रहे है वह चाहें तो अपने यहां राज्य के कृषि कानून में संशेधन कर एमएसपी का प्रावधान कर सकते हैं। इसमें केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से वार्ता के लिए तैयार हूं। देश में किसान केंद्र की ओर से पारित किए गए कृषि सुधार कानूनों का विरोध नहीं कर रहे हैं। यह विरोध विपक्षी दलों की ओर से किया जा रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिहं तोमर ने कहा कि पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारें चाहें तो अपने यहां के कृषि कानून में एमएसपी को जोड़ लें।

जिससे उनकी समझ के अनुरूप उनके राज्यों के प्रदर्शनकारी किसानों का हित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद से पारित कृषि विधेयकों का कुछ राज्यों में इसलिए विरोध हो रहा है क्योंकि उन्हें डर है कि एमएसपी प्रणाली खत्म हो जाएगी। जबकि एमएसपी प्रणाली खत्म नहीं होने वाली। सच्चाई यह है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी अब तक किसी कानून का हिस्सा रहा ही नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने तीनों बिलों के माध्यम से किसानों को अपनी फसल बेचने की आजादी दी है। पहले मंडी में किसान का व्यापारी शोषण करते थे। तरह-तरह के टैक्स किसान कि फसल खरीद पर लिए जाते थे। उसे यह बंदिश थी कि वह अपनी फसल मंडी में ही बेच सकता है।

अब उसे आजादी है कि वह अपनी फसल मंडी में या मंडी के बाहर जहां भी उसे अच्छे दाम एमएसपी या उससे ज्यादा मिल रहे हैं, वहां बेच सकता है। इसके अलावा कॉन्ट्रेक्ट खेती में किसान को अपनी बेची गई फसल का बाजार भाव मिले यह सुनिश्चित करने के लिए हर तरह से उसके फायदे का कानून बनाया गया है।

टॅग्स :भारत सरकारनरेंद्र मोदीनरेन्द्र सिंह तोमरकिसान विरोध प्रदर्शनपंजाबछत्तीसगढ़राजस्थान
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबार500 किमी तक की उड़ान के लिए किराया 7,500, 500-1,000 किमी के लिए टिकट की कीमत 12,000 रुपये तय, जानें रेट लिस्ट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

क्राइम अलर्ट20 साल की नर्सिंग छात्रा की गला रेतकर हत्या, पिता ने कहा-महेंद्रगढ़ के उपेंद्र कुमार ने बेटी का अपहरण कर किया दुष्कर्म और लाडो को मार डाला

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

कारोबारईपीसी क्षेत्रः 2030 तक 2.5 करोड़ से अधिक नौकरी?, 2020 के बाद से भर्ती मांग में 51 प्रतिशत की वृद्धि

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत