लाइव न्यूज़ :

नए कृषि कानूनः सरकार-किसानों संगठनों के बीच गतिरोध बरकरार, अगली बैठक 8 जनवरी को होगी

By भाषा | Updated: January 4, 2021 19:06 IST

Open in App

नयी दिल्ली, चार जनवरी नए कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता बेनतीजा रही । बैठक में किसान संगठनों के प्रतिनिधि प्रारंभ से ही इन कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे, वहीं सरकार ने कानूनों के फायदे गिनाये ।

किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि अगली बैठक 8 जनवरी को होगी ।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया, ‘‘ आज की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो पाया, सरकार और किसान संगठनों के बीच आठ जून को फिर से वार्ता होगी। ’’

उन्होंने बताया कि बातचीत बेनतीजा रही क्योंकि यूनियन के नेता तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे ।

दोनों पक्षों ने करीब एक घंटे की बातचीत के बाद लम्बा भोजनावकाश लिया । किसान संगठनों के प्रतिनिधि अपना भोजन लेकर आये थे। ‘लंगर’ से आए इस भोजन को उन्होंने खाया । हालांकि 30 दिसंबर की तरह आज केंद्रीय नेता लंगर में शामिल नहीं हुए और भोजनावकाश के दौरान अलग से चर्चा करते रहे जो करीब दो घंटे तक चली ।

दोनों पक्षों ने दोबारा सवा पांच बजे फिर से चर्चा शुरू की, लेकिन किसानों के कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े होने के कारण इसमें कोई प्रगति नहीं हो सकी ।

किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि सरकार को आंतरिक रूप से और विचार विमर्श करने की जरूरत है और इसके बाद वे (सरकार) किसान संघों के पास आयेंगे ।

किसान नेताओं ने कहा कि वे आगे के कदम के बारे में चर्चा के लिये मंगलवार को अपनी बैठक करेंगे ।

बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच अनाज खरीद से जुड़ी न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रणाली को कानूनी गारंटी देने की किसानों की महत्वपूर्ण मांग के बारे में चर्चा नहीं हुई ।

पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में किसान कृषि संबंधी तीन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले एक महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास प्रदर्शन स्थल पर भारी बारिश और जलजमाव एवं जबर्दस्त ठंड के बावजूद किसान डटे हुए हैं ।

गौरतलब है कि ये कानून सितबर 2020 में लागू हुए और सरकार ने इसे महत्वपूर्ण कृषि सुधार के रूप में पेश किया और किसानों की आमदनी बढ़ाने वाला बताया ।

बैठक के दौरान सरकार ने तीनों कृषि कानूनों के फायदे गिनाये जबकि किसान संगठन इन कानूनों को वापस लेने पर जोर देते रहे ताकि नये कानून के बारे में उन आशंकाओं को दूर किया जा सके कि इससे एमएसपी और मंडी प्रणाली कमजोर होगी और वे (किसान) बड़े कारपोरेट घरानों की दया पर होंगे ।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री एवं पंजाब से सांसद सोम प्रकाश ने विज्ञान भवन में 40 किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।

सूत्रों ने बताया कि मौजूदा प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के साथ इस बैठक की शुरुआत हुई।

इससे पहले, सरकार और किसान संगठनों के बीच छठे दौर की वार्ता 30 दिसंबर को हुई थी। उस दौरान पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने और बिजली पर रियायत जारी रखने की दो मांगों पर सहमति बनी थी।

हालांकि, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और फसल की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था को लेकर कानूनी गारंटी पर अब तक कोई सहमति नहीं बन पायी है।

सूत्रों ने बताया कि तोमर ने रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और मौजूदा संकट के जल्द समाधान के लिए सरकार की रणनीति पर चर्चा की।

उन्होंने बताया कि तोमर ने सिंह के साथ संकट का समाधान निकालने के लिए ‘बीच का कोई रास्ता’ निकालने को लेकर सभी मुमकिन विकल्पों पर चर्चा की ।

कई विपक्षी दलों और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने भी किसानों का समर्थन किया है, वहीं कुछ किसान संगठनों ने पिछले कुछ हफ्तों में कृषि मंत्री से मुलाकात कर तीनों कानूनों को अपना समर्थन दिया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारDollar vs Rupee: सीमित दायरे में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.32 प्रति डॉलर पर पहुंचा

क्रिकेटDubai Capitals vs MI Emirates: राशिद खान और जॉनी बेयरस्टो की मदद से MI एमिरेट्स की जीत, दुबई कैपिटल्स हारी

ज़रा हटकेVIDEO: बीच सड़क पर रैपिडो ड्राइवर का हंगामा, रोड लेकर पत्रकार पर हमला; जानें क्या है पूरा मामला

भारतDelhi AQI: दिल्ली में गैर बीएस-6 निजी वाहनों की एंट्री बंद, ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ लागू; बढ़ते प्रदूषण के बाद सख्ती

विश्वभगोड़े मेहुल चोकसी को बेल्जियम कोर्ट से नहीं मिली राहत, सर्वोच्च अदालत ने भारत प्रत्यर्पण दी की मंजूरी

भारत अधिक खबरें

भारतये प्रस्तावित ग्रिड सपोर्ट शुल्क बिल्कुल ही नाजायज होगा

भारतदेश में 216 बड़े बांधों की सुरक्षा को लेकर गंभीर स्थिति?, गंभीर खामियां, तत्काल मरम्मत की जरूरत

भारतBMC Elections 2026: उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 2026 के नगर निगम चुनावों के लिए करेंगे संयुक्त रैलियां? संजय राउत ने दी बड़ी अपडेट

भारतBMC Elections 2026: नवाब मलिक के नेतृत्व विवाद को लेकर बीजेपी के गठबंधन से इनकार के बीच एनसीपी अकेले चुनाव लड़ने को तैयार

भारतUP: दो साल में भी योगी सरकार नहीं खोज पायी नया लोकायुक्त, जनवरी 2024 में खत्म हो गया था वर्तमान लोकायुक्त का कार्यकाल