नेपाल घरेलू राजनीति में कभी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करता : नेपाल के विदेश मंत्री ज्ञवाली

By भाषा | Updated: January 16, 2021 17:45 IST2021-01-16T17:45:07+5:302021-01-16T17:45:07+5:30

Nepal never accepts interference in domestic politics: Nepal's Foreign Minister Gwali | नेपाल घरेलू राजनीति में कभी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करता : नेपाल के विदेश मंत्री ज्ञवाली

नेपाल घरेलू राजनीति में कभी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करता : नेपाल के विदेश मंत्री ज्ञवाली

नयी दिल्ली, 16 जनवरी नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली ने शनिवार को कहा कि नेपाल अपनी घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करता क्योंकि वह अपनी आंतरिक समस्याओं को संभालने में सक्षम है। ज्ञवाली के बयान नेपाल की संसद भंग होने के बाद उस देश में राजनीतिक संकट में चीन के दखल की पृष्ठभूमि में आये हैं।

ज्ञवाली ने एक पत्रकार वार्ता में यह बात कही। उनसे पिछले महीने नेपाल में तेजी से घटे राजनीतिक घटनाक्रम के बाद चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों के बारे में पूछा गया था।

नेपाली विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम अपनी घरेलू राजनीति में कभी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करते। हम अपनी समस्याओं के समाधान में सक्षम हैं। करीबी पड़ोसी होने के नाते कुछ चिंताएं या सवाल हो सकते हैं, लेकिन हम कभी दखल मंजूर नहीं करते।’’

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के संसद को भंग करने और सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में आंतरिक विवाद के बीच नये सिरे से चुनाव कराने के फैसले के बाद वहां राजनीतिक संकट गहरा गया था।

संकट गहराने के बीच चीन ने हड़बड़ी में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उप मंत्री गुओ येझोऊ की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय दल को एनसीपी के प्रतिद्वंद्वी गुटों से बातचीत के लिए काठमांडू भेजा था। इससे पहले नेपाल में चीनी राजदूत ने भी मतभेदों को सुलझाने का प्रयास किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

इस दल ने नेपाल के सभी शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत की लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। नेपाल के राजनीतिक घटनाक्रम में चीन की दखलंदाजी पर नेपाल से कड़ी प्रतिक्रिया आई।

ज्ञवाली ने कहा कि नेपाल के रिश्ते भारत और चीन दोनों के साथ बहुत अच्छे हैं और वह कभी एक दूसरे के साथ संबंधों की तुलना नहीं करता है।

राजनीतिक संकट और एनसीपी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर ज्ञवाली ने सीधी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन कहा कि नेपाल के विदेश मंत्री के रूप में वह नेपाल में सभी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

उन्होंने संसद भंग करने के ओली के फैसले को भी उचित ठहराया और कहा कि उन्होंने लोगों से नये सिरे से जनादेश मांगने के लोकतांत्रिक सिद्धांत का पालन किया है जिनका फैसला लोकतंत्र में सर्वोपरि होता है।

नेपाल और भारत के बीच सीमा विवाद पर विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों की इस मुद्दे के समाधान की एक जैसी प्रतिबद्धता है।

उन्होंने कहा, ‘‘सीमा की शुचिता और सुरक्षा समग्र विकास सहयोग के विस्तार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम दोनों ने इस जरूरत को समझा है।’’

नेपाल ने पिछले साल एक नये राजनीतिक मानचित्र का प्रकाशन किया था और उसमें तीन भारतीय क्षेत्रों- लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को अपने हिस्सों के तौर पर दर्शाया था जिसके बाद दोनों के बीच संबंधों में तनाव आ गया था।

इन क्षेत्रों पर भारत के दावे के बारे में पूछे जाने पर ज्ञवाली ने कहा, ‘‘ऐतिहासिक दस्तावेज वास्तविकता बयां करते हैं’’। उनका इशारा था कि ये क्षेत्र नेपाल के हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम समाधान निकालने के लिए परस्पर विश्वास के साथ बैठकर बात कर सकते हैं।’’

नेपाल के विदेश सचिव भरत राज पौडयाल के साथ ज्ञवाली बृहस्पतिवार को तीन दिन की यात्रा पर यहां पहुंचे थे।

ज्ञवाली ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर बात की।

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Web Title: Nepal never accepts interference in domestic politics: Nepal's Foreign Minister Gwali

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