नई दिल्ली: भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में नेहरू के योगदान को लेकर कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग में कांग्रेस ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि इसरो की स्थापना में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का बहुत बड़ा योगदान था लेकिन कुछ लोग इस सत्य को पचाने में असमर्थ हैं।
इसके साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा कि नेहरू ने इसरो की स्थापना इस कारण की क्योंकि वो भारत के विकास को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखते थे।
कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रहे इस वाकयुद्ध में एक तरफ तो कांग्रेस अपने तमाम नेताओं के किये गये कार्यों को गिना रही है, वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ भाजपा का दावा है कि साल 2014 के बाद से अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारी तरक्की हुई है।
इस संबंध में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे। जो लोग इसरो की स्थापना में उनके योगदान को पचाने में असमर्थ हैं, उन्हें इसके स्थापना दिवस पर उनका भाषण सुनना चाहिए।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए रमेश ने कहा, "रडार से सुरक्षा प्रदान करने वाले बादलों के विज्ञान के बारे में ज्ञान देने वाले व्यक्ति के उलट नेहरू सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे बल्कि बड़े फैसले भी लेते थे।"
कांग्रेस ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफलता के बाद कहा था कि यह प्रत्येक भारतीय की सामूहिक सफलता है और इसरो की उपलब्धि निरंतरता की गाथा को दर्शाती है और वास्तव में शानदार है।
पार्टी की ओर से कहा है कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा 1962 में INCOSPAR के गठन के साथ शुरू हुई, जिसे होमी भाभा और विक्रम साराभाई की दूरदर्शिता के साथ-साथ देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का भरपूर समर्थन प्राप्त था। उसके बाद अगस्त 1969 में विक्रम साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना की।