NEET-UG Row: सीबीआई ने दर्ज की FIR, 18 गिरफ्तार, NTA ने और अधिक छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की, जानें शीर्ष अपडेट
By मनाली रस्तोगी | Published: June 24, 2024 09:59 AM2024-06-24T09:59:44+5:302024-06-24T10:00:57+5:30
गिरफ्तारी और रोक के बीच एनईईटी-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली है। परीक्षा में व्यवधान और कदाचार को लेकर एनटीए को जांच का सामना करना पड़ रहा है।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी-यूजी (NEET-UG) में कथित अनियमितताओं की देशव्यापी जांच ने गति पकड़ ली है, जिसमें सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है और राज्यों में टीमें भेजी हैं और बिहार पुलिस ने पेपर लीक मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिससे कुल गिरफ्तारियां 18 हो गई हैं।
5 मई की परीक्षा रद्द करने की मांग बढ़ने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने सरकार के पहले के रुख को दोहराया कि कदाचार की घटनाएं स्थानीय या अलग-थलग थीं और उन लाखों उम्मीदवारों के करियर को खतरे में डालना उचित नहीं था, जिन्होंने सही तरीके से परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
जानें शीर्ष अपडेट
सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली: सीबीआई ने एक प्राथमिकी दर्ज की और एनईईटी-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है।
बिहार सरकार की अधिसूचना: बिहार ने एनईईटी-यूजी मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिससे केंद्रीय एजेंसी के हस्तक्षेप की सुविधा मिल गई।
पेपर लीक मामले में गिरफ्तारियां: बिहार पुलिस के ईओयू ने पेपर लीक से जुड़े झारखंड से पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिससे कुल गिरफ्तारियां 18 हो गईं।
गिरोह की संलिप्तता: मुखिया गिरोह से जुड़े बलदेव कुमार ने कथित तौर पर हल उत्तर पुस्तिकाएं प्राप्त कीं और वितरित कीं, जिससे गिरोह के सदस्यों को लीक में फंसाया गया।
लीक हुए पेपर की उत्पत्ति: लीक हुआ एनईईटी-यूजी प्रश्न पत्र कथित तौर पर झारखंड के हज़ारीबाग़ के एक निजी स्कूल से आया है।
कदाचार का पता चला: एनटीए ने चल रही जांच और जांच के बीच, कदाचार के लिए बिहार परीक्षा केंद्रों से 17 छात्रों को परीक्षा से बाहर कर दिया।
सीबीआई की व्यापक जांच: परीक्षा में अनियमितताओं के पीछे व्यापक सांठगांठ पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सीबीआई आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी जैसी आईपीसी की धाराओं के तहत जांच कर रही है।
राष्ट्रीय निहितार्थ: एनईईटी-यूजी परीक्षा विवाद ने परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग करते हुए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और कानूनी कार्रवाइयों को जन्म दिया है।
सरकार की प्रतिक्रिया: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्थानीय कदाचार को स्वीकार करते हुए, परीक्षा रद्द करने की मांग का विरोध करते हुए परीक्षा की अखंडता का बचाव किया।
उम्मीदवारों पर प्रभाव: बढ़े हुए अंकों और समझौताग्रस्त परीक्षा प्रक्रियाओं पर चिंताओं के बीच, सीमित मेडिकल सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हुए, 13 लाख से अधिक उम्मीदवार एनईईटी-यूजी में उत्तीर्ण हुए।
पुनः परीक्षण: 1,563 छात्रों के लिए आयोजित एक वैकल्पिक पुनर्परीक्षण में, जिनके ग्रेस अंक सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद समाप्त कर दिए गए थे, रविवार को केवल 813 उपस्थित हुए।
अंतरराज्यीय रैकेट: बिहार पुलिस ने NEET-UG विवाद को बिहार से संचालित होने वाले एक अंतरराज्यीय रैकेट से जोड़ा है। आरोपी चिंटू को देवघाट से गिरफ्तार किया गया और वह लर्न प्ले स्कूल में मौजूद था, जहां लीक हुए प्रश्न पत्र मिले थे।
विपक्ष का हमला: कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना तेज कर दी है, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की है।
उच्च स्तरीय पैनल: पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में शिक्षा मंत्रालय के उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया गया था। इसका उद्देश्य एनटीए के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करना है।