Neet Paper Leak Scandal: नीट पेपर लीक मामले की तफ्तीश में जुटी सीबीआई की टीम के सामने रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। सीबीआई को आरोपी मनीष प्रकाश और आशुतोष के मोबाइल से कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। दोनों के मोबाइल फोन की जांच के बाद पूछताछ के लिए सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी हर्षवर्धन सिंह की अदालत से सीबीआई ने दोनों को रिमांड पर ले लिया है। दरअसल, गुरुवार को सीबीआई ने गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया था। इसके अलावा सीबीआई अब इस मामले में जेल में बंद 13 और अभियुक्तों से पूछताछ करेगी।
इसकी भी इजाजत अदालत ने सीबीआई को दे दी है। गिरफ्तार किए गए 13 लोगों में पटना के दानापुर का निवासी आयुष राज, रोहतास निवासी बिट्टू कुमार, दानापुर निवासी अखिलेश कुमार, समस्तीपुर निवासी सिकंदर यादवेंदु, पटना के नेपाली नगर निवासी आशुतोष कुमार, पटना के ही एकंगरसराय क्षेत्र निवासी रोशन कुमार, गया जिले का नीतीश कुमार, समस्तीपुर का अनुराग यादव, रांची का अभिषेक कुमार, गया के बाराचट्टी क्षेत्र का निवासी शिवनंदन कुमार, रांची का अवधेश कुमार, पटना का अमित आनंद और समस्तीपुर की एक महिला रानी कुमारी शामिल हैं।
इसके साथ ही सीबीआई 'मुन्नाभाई' को ढूंढ रही है, जिसने खेला को अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। शुक्रवार को सीबीआई की टीम चिंटू और मुकेश को लेकर कंकड़बाग गई थी। सीबीआई की टीम उस जगह की पड़ताल करने के लिए कंकड़बाग गई थी, जिस जगह रॉकी रुका था। सीबीआई ने चिंटू और मुकेश से अब तक की पूछताछ में संजीव और रॉकी से जुड़े अधिकतर सवाल किया है।
सूत्रों की मानें तो पूछताछ में दोनों आरोपियों चिंटू और मुकेश को अलग-अलग बिठाकर जो सवाल पूछे गए, उनमें पेपर कैसे और कहां से मिला? आप किसके लिए काम करते हैं? पेपर लीक की योजना किसने बनाई? योजना को पूरा करने में कितना वक्त लगा? उन्हें पेपर लीक मामले में कैसे शामिल किया गया? पैसों का लेन-देन कैसे होना तय हुआ था और पेपर लीक की राशि में आपके हिस्से में कितनी राशि आई?
जैसे सवाल पूछे गए। वहीं, नीट पेपर लीक का आरोपी संजीव मुखिया को लेकर नई जानकारी सामने आई है। संजीव नालंदा कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर में जो मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन जमा करके छुट्टी ली थी। वह प्रथम दृष्टया फर्जी लग रही है। संजीव नूरसराय के नालंदा कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर में तकनीकी सहायक के तौर पर काम करता है।
उसने जो प्रिस्क्रिप्शन जमा किया था, वो पटना मेडिकल अस्पताल का था। उसने 6 मई और 21 का फर्जी मेडिकल प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था। जांच में संजीव मुखिया को मास्टरमाइंड माना जा रहा है। उधर, सीबीआई की टीम पिछले चार दिनों से झारखंड के हजारीबाग में सुराग खोज रही है।
इसी कड़ी में गुरुवार की देर शाम को सीबीआई की टीम एक ई रिक्शा चालक को हिरासत में लिया और उसके ओरिया स्थित आवास की तलाशी ली। जहां से उसे कुछ सबूत हाथ लगे हैं। सूत्र बताते हैं कि ई रिक्शा चालक ने बताया है कि बैंक में प्रश्न पत्र जमा करने के पहले उसी ने ओएसिस स्कूल में ई-रिक्शा से पेपर पहुंचाए थे। ओएसिस स्कूल में ही बॉक्स को टेंपर कर प्रश्न पत्र निकाले गए और बिहार भेजे गए थे।