नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश से संबंधित नीट एवं जेईई की परीक्षाएं कोरोना वायरस महामारी के बीच कराने के फैसले को लेकर शुक्रवार को कहा कि सरकार को छात्रों की आवाज सुननी चाहिए और उनकी इच्छा के अनुसार कदम उठाना चाहिए।
सोनिया ने कांग्रेस के ‘स्पीक अप फॉर स्टूडेंट्स सेफ्टी’ अभियान के तहत वीडियो जारी कर कहा, ‘‘मुझे इसका अहसास है कि आप (छात्र) मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। आपकी परीक्षा के मुद्दे को सबसे अधिक महत्व मिलना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह सिर्फ आपके लिए बल्कि आपके परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण है। आप हमारा भविष्य हैं। हम बेहतर भारत के निर्माण के लिए आप पर निर्भर हैं।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों के भविष्य से जुड़ा कोई फैसला उनकी सहमति के आधार पर होना चाहिए। सोनिया ने कहा, ‘‘आशा करती हूं कि सरकार आपकी आवाज सुनेगी और आपकी इच्छा के अनुसार कदम उठाएगी। सरकार को मेरी यही सलाह है।’’ गौरतलब है कि जेईई(मेन) परीक्षा एक से छह सितंबर के बीच होगी, जबकि नीट परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित कराने का कार्यक्रम है।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कोरोना काल में NEET-JEE (Mains) की प्रवेश परीक्षाओं का विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कांग्रेस ने छात्रों के हित में 'स्पीकअप फॉर स्टूडेंट सेफ्टी' हैशटैग चलाया है।
ऐसे में राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो के जरिए उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वह कल का भविष्य हैं। उन्हें साफ दिख रहा है कि केंद्र सरकार अक्षम है, तो सरकार को आप पर दबाव क्यों डालना चाहिए।
COVID विनाश का कारण: राहुल गांधी
वीडियो राहुल गांधी कहते हैं, 'भाइयों और बहनों नमस्कार, आप लोग इस देश का भविष्य हो। आप छात्र हो और आप इस देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाओगे। हर कोई समझ रहा है कि पिछले 3-4 महीनों से क्या हो रहा है। हर कोई समझ रहा है कि COVID को किस तरह से हैंडल किया जा रहा है। COVID विनाश का कारण है। अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ा है। देश को यह दर्द सहना पड़ रहा है।' राहुल ने कहा, 'मैं एक बात नहीं समझ पा रहा हूं कि आप लोग इसके लिए क्यों जिम्मेदार हो और यह दर्द आपके ऊपर क्यों थोपा जा रहा है। मुझे नहीं समझ आ रहा कि आपने ऐसा क्या गलत किया है। मुझे साफ लगता है कि सरकार अक्षम है, तो सरकार को आप पर दबाव क्यों डालना चाहिए।'
राहुल ने आगे कहा, 'ये जरूरी है कि सरकार छात्रों की बात सुने। परीक्षा पर चर्चा के बाद ही कोई फैसला किया जाना चाहिए। मेरा सरकार को ये मैसेज है कि आपने पहले से ही छात्रों को विनाश की ओर ले जा रहे हैं, आपको उनकी बातें सुननी होंगी। कृपया कर उनकी बातें सुनें। उनके साथ संवाद करें और इस मुद्दे को शांतिपूर्वक हल करें। धन्यवाद।'