बेटियों को बचाने सामाजिक आंदोलन की जरूरत: शिवराज सिंह चौहान

By राजेंद्र पाराशर | Published: June 17, 2019 04:52 AM2019-06-17T04:52:41+5:302019-06-17T04:52:41+5:30

पूर्व मुख्यमंत्री ने बेटियों पर हो रहे अत्याचारों के लिए नशे को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि आज गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले में नशीली चीजें उपलब्ध हैं. पुड़ियों में पावडर मिल रहा है, जिसका सेवन करने के बाद आदमी, आदमी नहीं रहता, जानवर बन जाता है.

Need for social movement to save daughters: Shivraj Singh Chauhan | बेटियों को बचाने सामाजिक आंदोलन की जरूरत: शिवराज सिंह चौहान

बेटियों को बचाने सामाजिक आंदोलन की जरूरत: शिवराज सिंह चौहान

जब-जब भी देश पर संकट आया है, कोई न कोई आंदोलन खड़ा हुआ है. चाहे वो राजनीतिक हो, धार्मिक हो या सामाजिक हो. बेटियों को बचाने के लिए भी एक सामाजिक आंदोलन की जरूरत है. यह काम सरकार अकेली नहीं कर सकती. हमारी सरकार ने बेटी बचाओ अभियान चलाया था, अब बेटियों को बचाने के लिए समाज को ऐसा ही अभियान चलाना होगा.

यह बात पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान ने मानस भवन में आयोजित धार्मिक, सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों के बेटी बचाओ पर आयोजित संयुक्त सम्मेलन के दौरान कही. उन्होंने उम्मीद जताई कि बेटी बचाओ पर आयोजित यह कार्यक्रम पूरे देश में एक नए आंदोलन का सूत्रपात करेगा. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि बेटियों को बचाने के लिए हमें अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्तियों पर नजर रखना होगी. उनकी पहचान करना होगी और उन्हें सार्वजनिक रूप से दंडित कराना होगा. ऐसी प्रवृत्ति के लोगों के मन में कानून और समाज का भय पैदा करना जरूरी है, क्योंकि भय बिन होय न प्रीत.

पूर्व मुख्यमंत्री ने बेटियों पर हो रहे अत्याचारों के लिए नशे को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि आज गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले में नशीली चीजें उपलब्ध हैं. पुड़ियों में पावडर मिल रहा है, जिसका सेवन करने के बाद आदमी, आदमी नहीं रहता, जानवर बन जाता है. उन्होंने कहा कि मासूम बच्चियों पर अत्याचार के कई मामलों में नशे की भूमिका रेखांकित हुई है.

मोहल्ला समितियों के माध्यम से चलाएं अभियान

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन में जिस तरह के सुझाव दिए हैं, उनका निचोड़ यही है कि पूरे शहर के हर शहर में मोहल्ला समितियों का गठन किया जाए. ये समितियां बेटियों को सक्षम बनाने से लेकर असामाजिक तत्वों पर नजर रखने तक का काम करेंगी. ये समितियां शासन और प्रशासन पर दबाव बनाने का काम भी करेंगी और जनजागरण का भी. इन्हीं समितियों के माध्यम से हम सीजेआई को 1 लाख पोस्टकार्ड भेजेंगे, जिसमें बेटियों को अपराधियों को त्वरित सजा दिए जाने की बात होगी. उन्होंने कहा कि इन समितियों से ऊपर एक बड़ी समिति होगी, जिसमें सभी संगठनों के प्रमुखों को शामिल किया जाएगा. चौहान ने कहा कि विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु भी इस समिति में शामिल हों. उन्होंने कहा कि 7 जुलाई को हम भोपाल से एक बेटी बचाओ मार्च की शुरूआत करेंगे. उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित जनसमुदाय से आग्रह किया कि सम्मेलन में आए सुझावों और इसमें बनी कार्ययोजना पर अमल करें और बेटियों को बचाने के लिए एक नए आंदोलन का संकल्प लें. उन्होंने कहा कि बेटी बचेगी, तभी देश बचेगा.

Web Title: Need for social movement to save daughters: Shivraj Singh Chauhan

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