इसरो मामले में तीन पूर्व पुलिस अधिकारियों सहित चार लोगों से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत:सीबीआई

By भाषा | Updated: August 6, 2021 20:17 IST2021-08-06T20:17:54+5:302021-08-06T20:17:54+5:30

Need for custodial interrogation of four people including three former police officers in ISRO case: CBI | इसरो मामले में तीन पूर्व पुलिस अधिकारियों सहित चार लोगों से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत:सीबीआई

इसरो मामले में तीन पूर्व पुलिस अधिकारियों सहित चार लोगों से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत:सीबीआई

कोच्चि, छह अगस्त सीबीआई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) साजिश मामले में केरल उच्च न्यायालय में तीन पूर्व पुलिस अधिकारियों और खुफिया ब्यूरो(आईबी) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी की अग्रिम जमानत याचिकाओं का शुक्रवार को विरोध किया।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि पाकिस्तान की आईएसआई (इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस) जैसी विदेशी गुप्तचर एजेंसियों ने भारत में क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी को पटरी से उतारने से साजिश रची थी और इसके पीछे मौजूद लोगों का पता लगाने के लिए आरोपियों से पूछताछ करने की जरूरत है।

सीबीआई की ओर से पेश होते हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने न्यायमूर्ति अशोक मेनन के समक्ष यह दलील दी। उन्होंने अदालत से कहा कि यह एक गंभीर मामला है जो राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करेगा।

जांच एजेंसी ने यह दलील दी कि आरोपियों--पूर्व पुलिस अधिकारी एस विजयन, थम्पी एस दुर्गा दत्ता और आर बी श्रीकुमार तथा सेवानिवृत्त आईबी अधिकारी पी एस जयप्रकाश--को कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि जांच अभी भी शुरूआती स्तर में है।

एएसजी ने कहा कि यदि अग्रिम जमानत दी गई तो आरोपी कुछ भी खुलासा नहीं करेंगे और महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ नहीं लगेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह पता लगाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे कि इस साजिश के पीछे किसका हाथ था।’’

वहीं, आरोपियों ने सीबीआई के दावे का खंडन किया और दलील दी कि वह इसमें आईएसआई की संलिप्तता की एक नयी कहानी लेकर आई है, जबकि केंद्रीय एजेंसी ने 1994-95 में अपनी जांच में कुछ नहीं पाया था।

उन्होंने कहा कि सीबीआई आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत के बगैर आरोप लगा रही है और हिरासत में लेकर पूछताछ करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले को 11 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया और चारों को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संक्षण भी तब तक के लिए बढ़ा दिया।

हालांकि, अदालत ने कहा कि चारों लोगों को दी गई यह राहत उन्हें 18 आरोपियों (उक्त चारों आरोपियों सहित) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज मामले में सीबीआई जांच सहयोग करने से नहीं रोकेगी। उनके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, अपहरण और साक्ष्य गढ़ने के अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सीबीआई ने 1994 के जासूसी मामले में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन की गिरफ्तारी एवं हिरासत के सिलसिले में 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

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