दिल्ली में करीब 25,000 बच्चे नशीली दवाओं की लत की गिरफ्त में, स्कूलों के आसपास ही उपलब्ध 

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 31, 2019 02:57 PM2019-07-31T14:57:11+5:302019-07-31T14:57:11+5:30

कांग्रेस के डॉ टी सुब्बीरामी रेड्डी ने कहा कि हालिया अध्ययन के अनुसार, दिल्ली में करीब 25,000 बच्चे नशीली दवाओं की लत की गिरफ्त में हैं और यह ड्रग स्कूलों के आसपास ही उपलब्ध हो जाती है। उन्होंने कहा कि न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे उत्तर भारत में बच्चे इस खतरे के शिकंजे में आ रहे हैं।

Nearly 25,000 children in Delhi have been subjected to drug addiction, available only around schools | दिल्ली में करीब 25,000 बच्चे नशीली दवाओं की लत की गिरफ्त में, स्कूलों के आसपास ही उपलब्ध 

नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए एक व्यापक दीर्घकालिक नीति बनाई जानी चाहिए।

Highlightsरेड्डी के अनुसार, ‘‘चिंताजनक बात यह भी है कि नशीली दवाओं के आदी लोगों में से 83 फीसदी लोग शिक्षित हैं।रेड्डी ने कहा कि पाकिस्तान और नाइजीरिया जैसे देशों से तस्करी कर नशीली दवाएं भारत लाई जा रही हैं।

स्कूलों के आसपास ही नशीली दवाएं उपलब्ध होने और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के इनकी गिरफ्त में आने पर चिंता जताते हुए राज्यसभा में एक सदस्य ने सरकार से इस खतरे पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।

शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के डॉ टी सुब्बीरामी रेड्डी ने कहा कि हालिया अध्ययन के अनुसार, दिल्ली में करीब 25,000 बच्चे नशीली दवाओं की लत की गिरफ्त में हैं और यह ड्रग स्कूलों के आसपास ही उपलब्ध हो जाती है। उन्होंने कहा कि न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे उत्तर भारत में बच्चे इस खतरे के शिकंजे में आ रहे हैं।

रेड्डी के अनुसार, ‘‘चिंताजनक बात यह भी है कि नशीली दवाओं के आदी लोगों में से 83 फीसदी लोग शिक्षित हैं। ड्रग माफिया का जाल ऐसा है कि राज्य सरकारें इस समस्या को नियंत्रित नहीं कर पा रही हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस समस्या पर हाल ही में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने एक बैठक की थी जिसमें एक साझा सूचना तंत्र बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया।

रेड्डी ने कहा कि पाकिस्तान और नाइजीरिया जैसे देशों से तस्करी कर नशीली दवाएं भारत लाई जा रही हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि युवा पीढ़ी को बर्बाद करने वाली और देश की अर्थव्यवस्था पर दूरगामी असर डालने वाली नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए एक व्यापक दीर्घकालिक नीति बनाई जानी चाहिए।

रेड्डी ने कहा कि ड्रग तस्करी पर रोक के लिए नार्कोटिक्स संबंधी विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय होना चाहिए तथा राष्ट्रीय जांच एजेंसी की तरह ही कोई जांच एजेंसी भी बनाई जानी चाहिए। विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।

केंद्रीय विद्यालयों में बच्चों के दाखिले के लिए रास सांसदों का कोटा बढ़ाने की मांग

राजद के एक सदस्य ने बुधवार को केंद्रीय विद्यालयों में बच्चों के दाखिले के लिए राज्यसभा सदस्यों का कोटा बढ़ाने की मांग उठाई। उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान राजद के अहमद अशफाक करीम ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि वर्तमान में केंद्रीय विद्यालयों में बच्चों के प्रवेश के लिए राज्यसभा सांसदों और लोकसभा सांसदों का कोटा 10-10 है।

उन्होंने कहा कि दस के कोटे का मतलब है कि एक सांसद, चाहे वह लोकसभा का हो या राज्यसभा का हो, दस बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश दिलाने की सिफारिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा सांसद का क्षेत्र सीमित होता है और वह एक खास क्षेत्र में ही केंद्रीय विद्यालय में बच्चे के प्रवेश की सिफारिश कर सकते हैं।

करीम ने कहा ‘‘राज्यसभा सदस्य पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए उसका क्षेत्र व्यापक होता है। इसे देखते हुए राज्यसभा सदस्यों का केंद्रीय विद्यालय में बच्चों के प्रवेश की सिफारिश का कोटा 10 से अधिक किया जाना चाहिए ताकि वह राज्य के किसी भी हिस्से में बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए सिफारिश कर सके।’’ विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। 

Web Title: Nearly 25,000 children in Delhi have been subjected to drug addiction, available only around schools

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