‘1,181 आईपीएस अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा, करीब 1,200 जांच के दायरे में’
By भाषा | Published: May 9, 2019 04:24 PM2019-05-09T16:24:41+5:302019-05-09T16:24:41+5:30
जांच के दायरे में आये अधिकारियों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि ऐसी समीक्षा सतत प्रक्रिया है। अधिकारी ने बताया कि 2016 और 2018 के बीच असंतोषजनक प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16 (3) के तहत की गयी।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में संतोषजनक कार्य प्रदर्शन नहीं करने वाले करीब 1,200 अधिकारी गृह मंत्रालय की जांच के दायरे में हैं। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने सरकार से नाकारा कर्मियों की जांच करने के लिये पिछले तीन साल में 1,181 आईपीएस अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि जांच के दायरे में आये अधिकारियों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि ऐसी समीक्षा सतत प्रक्रिया है। अधिकारी ने बताया कि 2016 और 2018 के बीच असंतोषजनक प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16 (3) के तहत की गयी।
नियम के अनुसार केंद्र सरकार लोकहित में संबंधित राज्य सरकार के साथ परामर्श में किसी आईएएस अधिकारी को कम से कम तीन महीने पूर्व लिखित में नोटिस देकर या ऐसे नोटिस के स्थान पर उन्हें तीन महीने का वेतन और भत्ता देकर सेवानिवृत्ति का आदेश दे सकती है।
उन्होंने कहा कि लोकहित में कुल 1,181 आईपीएस अधिकारियों में से 10 के लिये समय से पहले सेवानिवृत्ति की सिफारिश की गयी है। हालांकि अधिकारी ने इन अधिकारियों के नामों का खुलासा नहीं किया। गृह मंत्रालय के अनुसार करीब 3,972 आईपीएस अधिकारी देशभर में काम कर रहे हैं जबकि इनकी कुल स्वीकृत संख्या 4,940 है।
अधिकारी ने बताया कि मोदी सरकार ने सेवा से नाकारा कर्मियों की जांच के लिये आईपीएस अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा की नीति की शुरुआत की है। उन्होंने बताया, हालांकि 2014 और 2015 के दौरान अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड की कोई समीक्षा नहीं की गयी।