President Election 2022: संसद भवन में द्रौपदी मुर्मू ने दाखिल किया नामांकन, PM संग NDA शासित राज्यों के सीएम रहे मौजूद
By मनाली रस्तोगी | Published: June 24, 2022 01:09 PM2022-06-24T13:09:31+5:302022-06-24T13:11:33+5:30
एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों और भाजपा व NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में अपना नामांकन दाखिल किया।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद भवन में अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और भाजपा व एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहे। मालूम हो, देश में 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है, जिसके नतीजे 21 जुलाई को घोषित होंगे। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
Delhi | NDA's Presidential candidate Droupadi Murmu files her nomination in the presence of PM Modi, Union cabinet ministers & CMs of BJP & NDA ruled states, at Parliament building
— ANI (@ANI) June 24, 2022
(Source: DD) pic.twitter.com/Ko1kxl3meJ
जानिए कौन हैं द्रौपदी मुर्मू?
आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के लिए ओडिशा में सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक से लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार नामित होने तक का सफर बेहद लंबा और मुश्किल सफर रहा है। संथाल समुदाय में जन्मीं मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और वह वर्ष 2000 में ओडिशा सरकार में मंत्री बनीं। बाद में उन्होंने 2015 में झारखंड के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी भी संभाली।
रायरंगपुर से दो बार विधायक रहीं मुर्मू ने 2009 में तब भी अपनी विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था, जब बीजद ने राज्य के चुनावों से कुछ हफ्ते पहले भाजपा से नाता तोड़ लिया था, जिसमें मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजद ने जीत दर्ज की थी। बीस जून 1958 को जन्मीं मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का गौरव भी रखती हैं। बेहद पिछड़े और दूरदराज के जिले से ताल्लुक रखने वालीं मुर्मू ने गरीबी और अन्य समस्याओं से जुझते हुए भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से कला में स्नातक किया और ओडिशा सरकार के सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में अपना करियर शुरू किया था।
मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का अनुभव है। मुर्मू भाजपा की ओडिशा इकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष भी रहीं। उन्हें 2013 में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एसटी मोर्चा) के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया था। मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ और दंपती के तीन संतान...दो बेटे और एक बेटी हुईं। मुर्मू का जीवन व्यक्तिगत त्रासदियों से भरा रहा है क्योंकि उन्होंने अपने पति और दोनो बेटों को खो दिया है। उनकी बेटी इतिश्री का विवाह गणेश हेम्ब्रम से हुआ है।