CBSE के सामने NCTE ने रखा प्रस्ताव, अब कक्षा 9 से 12 में अध्यापक बनना है तो देनी होगी TET परीक्षा!
By आकाश चौरसिया | Published: February 13, 2024 03:08 PM2024-02-13T15:08:42+5:302024-02-13T15:24:15+5:30
शिक्षक पात्रता परीक्षा उन सभी कैंडिडेट के लिए महत्वपूर्ण होती है, जो स्कूल में शिक्षक के तौर पर नियुक्ति पाना चाहते हैं। परिषद ने इन नियुक्ति के लिए सेंट्रल बोर्ड और सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के साथ-साथ काम कर रही है और इसी को देखते हुए सोमवार को एक दिन की बैठक बुलाई थी।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
नई दिल्ली: बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए शिक्षा राष्ट्रीय परिषद ने शिक्षक भर्ती के लिए नए नियम लाने का प्रस्ताव सीबीएसई के सामने रखा है। इस प्रस्ताव की मानें तो एनसीटीई ने कहा है कि टीईटी को सेकेंडरी लेवल (कक्षा 9 से 12) तक अनिवार्य करते हुए आवश्यक कर दिया जाए। इसे लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस बीते सोमवार को राष्ट्रीय परिषद और सीबीएसई के बीच बैठक हुई।
शिक्षक पात्रता परीक्षा उन सभी कैंडिडेट के लिए महत्वपूर्ण होती है, जो स्कूल में शिक्षक के तौर पर नियुक्ति पाना चाहते हैं। परिषद ने इन नियुक्ति के लिए सेंट्रल बोर्ड और सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के साथ-साथ काम कर रही है और इसी को देखते हुए सोमवार को एक दिन की बैठक बुलाई थी। जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और कुछ महत्वपूर्ण बदलाव पर बात होनी थी।
इस बैठक में केसांग वाई. शेरपा आईआरएस, एनसीटीई सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत टीईटी को कई चरणों में परीक्षा के लिए अभी प्रस्ताव रखा है और एनसीटीई ने टीईटी प्रस्ताव को लागू करवाने के लिए सीबीएसई के साथ काम कर रहा है।
सीबीएसई चेयरपर्सन निधि छिब्बर (आईएस अधिकारी) ने इस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नियुक्ति पाने वाले टीचर की क्षमताओं से कक्षाओं में एक प्रभावी माहौल बनेगा, तो टीईटी कहीं न कहीं इस प्रक्रिया में अपनी अहम भूमिका निभाएगा। पीआईबी प्रेस रिलीज के अनुसार, प्रोफेसर योगेश सिंह, चेयरपर्सन एनसीटीई ने इस दौरान कहा था कि शिक्षा से लोगों की समझ और उनके विकास पर फोकस करना है न कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा नंबर्स लाने पर फोकस करवाना है। इससे भारत विकास की ओर बढ़ेगा और एनईपी 2020 के जरिए नैतिक मूल्यों पर छात्रों को पढ़ने का माहौल बनेगा।
अभिमन्यु यादव एनसीटीई की ओर से टीईटी के संयोजक ने बताया कि परीक्षा प्रक्रिया, योग्यता मापदंड और शिक्षकों के चयन को सुदृढ़ करने का मुख्य बातों पर चर्चा हुई थी। इससे योग्य टीचर ही नहीं आएंगे बल्कि उच्च शिक्षा में सुधार और बच्चों को अच्छी शिक्षा भी मिलेगी। अभी टीईटी सिर्फ कक्षा 1 से लेकर 8 तक के लिए ही लागू है। लेकिन, एनसीटीई इसे कक्षा 12 तक के लिए आवश्यक करना चाहता है।