एनसीआरबी: 2021 में 1,64,033 लोगों ने की आत्महत्या, जिनमें 1,09,749 विवाहित थे
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 30, 2022 06:27 PM2022-08-30T18:27:03+5:302022-08-30T18:33:11+5:30
एनसीआरबी ने एक आंकड़ा जारी किया है, जिसके मुताबिक साल 2021 में पूरे देश में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से 1,18,979 पुरुष थे। वहीं 40026 महिलाओं ने भी खुद से अपने जीवन को खत्म कर लिया और इनमें आधे से अधिक घरेलू महिलाएं थीं।
दिल्ली: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने साल 2021 में देश भर में आत्महत्या करने वालों के विषय में एक भयावह आंकड़ा जारी किया है। एनसीआरबी के मुताबिक साल 2021 में पूरे देश में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से 1,18,979 पुरुष थे। वहीं 40026 महिलाओं ने भी खुद से अपने जीवन को खत्म कर लिया और इनमें आधे से अधिक घरेलू महिलाएं थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आत्महत्या करने वाली महिलाओं में सबसे ज्यादा 23,178 घरेलू महिलाएं थी। उसके बाद 5,693 छात्राएं थी और दैनिक श्रम करने वाली 4,246 महिलाएं थीं। एनसीआरबी ने घरेलू महिलाओं की आत्महत्या के संबंध में राज्यवार समीक्षा पेश करते हुए बताया कि 23,178 घरेलू महिलाओं की आत्महत्या के मामले में तमिलनाडु पहले नंबर पर है। रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु में कुल 3,221 मामले दर्ज हुए। उसके बाद मध्य प्रदेश में 3,055 और महाराष्ट्र में 2,861 महिलाओं ने आत्महत्या की, जो राज्यवार क्रमशः 13.9 फीसदी, 13.2 फीसदी और 12.3 फीसदी है।
आंकड़े यह भी बताते हैं कि आत्महत्या करने वालों में कुल 1,64,033 में से 1,09,749 विवाहित थे, वहीं 39,421 आत्महत्या करने वाले अविवाहित थे। साल 2021 के दौरान 2,485 विधवाओं ने, 788 विधुर ने और 871 तलाकशुदा या अलग हो चुके लोगों ने आत्महत्या की। साल 2021 में आत्महत्या पीड़ितों का महिला अनुपात 72.5: 27.4 था, जो कि साल 2020 के 70.9: 29.1 की तुलना में अधिक है।
महिला आत्महत्या का अनुपात विवाह संबंधी मुद्दों विशेषकर दहेज से संबंधित मुद्दे और नपुंसकता या फिर बांझपन से ज्यादा जुड़े हुए थे। वहीं आत्महत्या करने वाले समूह में सबसे ज्यादा 18 से 30 वर्ष से कम आयुवर्ग और 30 से 45 वर्ष के आयुवर्ग से जुड़े हुए थे। इन आयुवर्ग में क्रमशः 34.5 फीसदी और 31.7 फीसदी आत्महत्या के मामले दर्ज किये गये।
इनमें 18 साल से कम आयुवर्ग में 3,233 ने पारिवारिक समस्याओं के कारण, 1,495 ने प्रेम संबंध में और 1,408 ने बीमारी के कारण आत्महत्या की। वहीं साल 2021 में कुल 28 ट्रांसजेंडरों ने भी आत्महत्या की। इन 28 ट्रांसजेंडरों में से 9 बेरोजगार थे, 7 दैनिक वेतन भोगी थे, 2 स्वरोजगार कर रहे थे और 1 का संबंध घरेलू कामकाज से था। वहीं 8 अन्य भी अलग-अलग श्रेणियों में कार्यरत थे।
साल 2021 में पारिवारिक समस्याएं और बीमारी के कारण क्रमशः 33.2 फीसदी और और 18.6 फीसदी लोगों ने आत्महत्या की। वहीं मादक द्रव्यों के सेवन या शराबखोरी के कारण 6.4 फीसदी, विवाह संबंधी मुद्दे में 4.8 फीसदी, प्रेम संबंधी मुद्दे में 4.6 फीसदी, दिवालियेपन के कारण 3.9 फीसदी, बेरोजगारी के कारण 2.2 फीसदी, परीक्षा में फेल होने के कारण 1.0 फीसदी, पेशेवर कैरियर की समस्या के कारण 1.6 फीसदी और गरीबी के कारण 1.1 फीसदी लोगों ने अपनी जान दे दी। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)