14 साल बाद करिकुलम दिशानिर्देशों की समीक्षा करेगा एनसीईआरटी, हो सकते हैं अहम बदलाव
By स्वाति सिंह | Published: May 18, 2019 08:59 AM2019-05-18T08:59:48+5:302019-05-18T08:59:48+5:30
साल 1975, 1988, 2000 और 2005 में जारी किए गए बीते चार एनसीएफ में शिक्षकों से ध्यान हटाकर छात्रों पर केंद्रित किया गया, जिससे बच्चे 'बिना किसी बोझ के साथ सीखने' को सुनिश्चित किया जा सके।
एनसीईआरटी 14 साल बाद अब करिकुलम दिशानिर्देशों की समीक्षा की करेगा। इस कदम को स्कूली शिक्षा में सुधारों की दिशा में बड़ा बताया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक एनसीईआरटी नई ज़रूरतों के मद्देनजर कुछ बदलाव कर सकता है
एनसीईआरटी के निदेशक ऋषिकेश सेनापति ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि पिछले नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) की समीक्षा के शुरुआती काम शुरू हो चुके है। इसके लिए कमिटी भी जल्द बनाई जाएगी। एनसीएफ दरअसल, देश में टीचिंग प्रैक्टिस पर दिशा-निर्देश देता है। साथ ही स्कूल सिलेबस को बनाने और पाठ्यपुस्तकों के लेखन को रूपरेखा भी प्रदान करता है।
साल 1975, 1988, 2000 और 2005 में जारी किए गए बीते चार एनसीएफ में शिक्षकों से ध्यान हटाकर छात्रों पर केंद्रित किया गया, जिससे बच्चों के 'बिना किसी बोझ के सीखने' को सुनिश्चित किया जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक एनसीईआरटी निदेशक बताया कि 'हमने पाठ्यपुस्तकों के सुव्यवस्थीकरण पर जो काम किया है वही 2005 एनसीएफ की समीक्षा का आधार बनेगा।