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'शहीद सप्ताह' के लिए फिर सक्रिय हुए नक्सली; छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र पुलिस अलर्ट पर

By फहीम ख़ान | Updated: July 25, 2021 19:35 IST

विभिन्न मुठभेड़, हमले या अन्य कारणों से मारे गए अपने नक्सली साथियों की याद में हर साल नक्सली संगठनों द्वारा 'शहीद सप्ताह' का आयोजन 28 जुलाई से 3 अगस्त तक किया जाता है.

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ठळक मुद्देनक्सलियों ने अपने इलाकों में 28 जुलाई से 3 अगस्त तक 'शहीद सप्ताह' मनाने का किया है ऐलानमहाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों की पुलिस अलर्ट पर प्रभावित थानों और आउटपोस्ट को अलर्ट किया गया है, पुलिस द्वारा चलाया जा रहा है विशेष अभियान

नागपुर: नक्सलियों ने अपने प्रभाव वाले इलाकों में 28 जुलाई से 3 अगस्त तक 'शहीद सप्ताह' मनाने का ऐलान किया है, इसे देखते हुए महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश राज्यों की पुलिस भी अलर्ट मोड पर है. 

दूसरी ओर इस शहीद सप्ताह के मद्देनजर नक्सली संगठनों के द्वारा इस साल भर में मारे गए अपने साथियो के बारे में नागरिको को जानकारी दी जा रही है. नक्सली संगठनों ने अपने दस्तावेजों में ये माना है कि जनवरी से मार्च 2021 के दौरान दंडकारण्य में उन्हें बड़े नुकसान झेलने पड़े. 

इनकी मौतों का कर रहे है जिक्र 

खासकर 29 मार्च 2021 को उत्तर गढ़चिरोली डिवीजन, टिप्पागढ़ एरिया, खोबरामेंढा जंगल में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य, पश्चिम सब जोनल ब्यूरो सदस्य और उत्तर गढ़चिरोली डिविजनल कमेटी के सचिव ऋषि हिचामी उर्फ भास्कर उर्फ पवन की हमले में मौत हुई. 

टिप्पागढ़ एरिया कमेटी के सदस्य राजू नैताम उर्फ सुखदेव, टिप्पागढ़ एलओएस की सदस्य कमला आत्राम उर्फ़ सुजाता, एसजेडसीएम गार्ड और पार्टी सदस्य योगिता पदा उर्फ अस्मिता, टिप्पागढ़ एलओएस के सदस्य मुयाल उंडामी उर्फ अमर भी मारे गए. 

18 फरवरी 2021 को उत्तर बस्तर डिविजनल कमांडर इन चीफ और उत्तर सब जोनल ब्यूरो के सदस्य मनीराम वेडदा उर्फ सोमजी की दुर्घटना में मौत हुई. 11 मार्च 2021 को पूर्व बस्तर डिविजनल कमेटी के सदस्य हीरासिंह कुमोटी उर्फ नंदू उर्फ वर्गेश की मौत हुई. 19 जनवरी 2021 को दक्षिण बस्तर डिवीजन के पुव्वार गांव में लड़ते हुए 11वीं पीएल पीपीसीएम और सेक्शन कमांडर सुद्धू भी मारे गए. 

पुलिस अलर्ट मोड़ पर 

इन राज्यों की पुलिस को शक है कि नक्सली ऐसे इलाके जहां पुलिस की पहुंच नहीं है, घने जंगल से यह इलाके घिरे हैं, वहां शहीद सप्ताह के माध्यम से फिर से अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर सकते हैं. इसलिए इन राज्यों के नक्सल प्रभावित थानों और आउटपोस्ट को अलर्ट कर दिया गया है. सभी जगहों पर पुलिस द्वारा विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं. 

नक्सली क्यों मनाते हैं शहीद सप्ताह?

विभिन्न मुठभेड़, हमले या अन्य कारणों से मारे गए अपने नक्सली साथियों की याद में हर साल नक्सली संगठनों द्वारा शहीद सप्ताह का आयोजन 28 जुलाई से 3 अगस्त तक किया जाता है. 

इस दौरान नक्सली संगठन अपने मारे गए साथियों को श्रद्धांजलि देकर उनकी याद में जगह जगह पर स्मारक का निर्माण भी करते हैं. इस दौरान नक्सली बैठके एवं सभाएं आयोजित करने के साथ अपनी संगठन के विचारों का प्रचार -प्रसार करते हैं. 

इस दौरान सड़कें, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सुरक्षाबलों पर हमले के अलावा नए सदस्यों की संगठन में भर्ती भी की जाती है. 

चेतना नाट्य मंच दे रहा जानकारी 

नक्सली संगठनों द्वारा एक तरफ अपने प्रभाव वाले इलाकों में शहीद सप्ताह मनाने की तैयारियां जारी है तो इन्ही इलाको में रहने वाले ग्रामीणों तक संगठन और इस साल मारे गए अपने नक्सल साथियो के बारे में चेतना नाट्य मंच जानकारी दे रहा है. 

बताते चले कि चेतना नाट्य मंच नक्सलियों के प्रचार- प्रसार विभाग के रूप में काम करता है. इसके लिए बाकायदा वीडियो भी बनाए जा रहे है. 

डिजिटल का सहारा ले रहे नक्सली 

कल तक अपने प्रभावित इलाको में नक्सली संगठनों के माध्यम से केवल बैनर, पोस्टर लगाकर प्रचार किया जाता रहा है. लेकिन इस बार सरकार की योजनाओ का विरोध करने वाले नक्सली संगठन ने डिजिटल प्रचार साहित्यो पर ज्यादा जोर दिया है. 

चेतना नाट्य मंच वीडियो और पोस्टर बनाकर अपने प्रभाव वाले इलाको में मोबाइल पर इस साहित्य को नागरिको तक भेज रहा है. जिस वजह से चेतना नाट्य मंच का प्रचार साहित्य सीधे संबंधितो तक पहुँच रहा है. 

लीडरशिप और नए सदस्यों के लिए तरस रहे है नक्सली 

महाराष्ट्र के गढ़चिरोली के पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने कहा, 'उत्तर गढ़चिरोली इलाके में आज नक्सली संगठन दम तोड़ चुका है. यहां उनकी लीडरशिप पूरी तरह से ख़त्म हो चुकी है. आलम ये है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल लीडर यहां भेजे जा रहे है. पहले जिस तरह नक्सली इस क्षेत्र में नए सदस्यों की भर्ती करते थे वैसे अब उन्हें नए लोग नहीं मिल रहे है.' 

अंकित गोयल ने आगे कहा, 'गढ़चिरोली पुलिस अब भी नक्सलियों से ये अपील करती है कि जिन्हे आत्मसमर्पण कर हिंसा का मार्ग छोड़ना है, उनके लिए अब भी मौका है. सरकार उनका आत्मसमर्पण के बाद अच्छे से पुनर्वास करेगी. लेकिन जो लोग अब भी नक्सली संगठन से जुड़े रहकर हिंसा फैला रहे है, उनके खिलाफ हमारा अभियान जारी रहेगा. उत्तर और दक्षिण गढ़चिरोली इलाके में पुलिस अलर्ट पर है.' 

वहीं, बकौल गढ़चिरोली रेंज डीआईजी संदीप पाटिल, 'ये बात सच है कि गढ़चिरोली पुलिस ने अपने इलाके में नक्सलियों को बहोत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. संभवत: शहीद सप्ताह के दौरान इसी बौखलाहट में नक्सली यहां के सुदूर इलाको में सक्रियता दिखाने की कोशिश करें. इसे ध्यान में रखते हुए, हमारी रणनीति भी तैयार है. हम सप्ताह को अब भी हलके में नहीं लेंगे.'

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