देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार (17 जुलाई) को राज्य सभा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एएनआई) संशोधन बिल पास करवा लिया है। बिल पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगर ये सदन ही NIA की साख नहीं बनाएगा तो उसकी साख कैसे बनेगी।
उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 तक कुल रजिस्टर केस 195 हैं। 195 में से 129 केस में चार्जसीट करने का काम समाप्त कर दिया है। 129 केस में से 44 केसों में जजमेंट आ गया है। 44 केसों में से 41 केसों में दोषियों को सजा हुई।
अमित शाह ने कहा कि मैं सदन को भरोसा देना चाहता हूं कि दुनिया में जहां पर भी भारतीयों के खिलाफ आतंकवाद का अपराध होगा तो वहां NIA की एजेंसी उसको डील करने में सक्षम होगी।
उन्होंने बताया कि समझौता ब्लास्ट में 7 लोग पकड़े गए थे। हमारी एजेंसियों ने उन्हें पकड़ा था और अमेरिकी एजेंसियों ने भी कहा कि इन्होंने विस्फोट किया है। बाद में एक धर्म के साथ आतंकवाद को जोड़ने के लिए एक नया केस बनाया और जो अपराधी थे उन्हें छोड़कर नए लोगों के नाम उसमें जोड़ दिए गए। नरेन्द्र मोदी सरकार इस कानून का कतई दुरुपयोग नहीं होने देगी, इसका मैं सदन को विश्वास दिलाता हूं।
आपको बता दें कि सोमवार को लोकसभा में एनआईए संशोधन बिल पास हो गया था। इस दौरान अमित शाह और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली थी। आतंकवाद के मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच बिल के पक्ष में 278 वोट पड़े थे जबकि इसके विरोध में 6 वोट पड़े थे।
अब राज्य सभा से यह बिल पास हो गया है। इसके बाद एनआईए एटॉमिक एनर्जी एक्ट 1962 के तहत भी कार्रवाई कर सकेगी। एनआईए की स्थापना 2009 में हुई थी। 2008 के मुंबई अटैक के बाद देश को एक ऐसे संस्था की जरूरत पड़ी जो आतंकवाद पर लगाम लगा सके।
NIA को मिली नई ताकत
- विदेश में भारतीयों या भारत के हितों के खिलाफ अपराध की जांच कर सकेगी। आतंकवादी हमलों के तार विदेश से जुड़े होने की स्थिति में समबन्धित देश में जा कर इन्वेस्टीगेशन कर पाएगी।
- साइबर अपराध , मानव तस्करी और विस्फोटक हथियार रखने के मामलों का भी एनआईए अन्वेषण कर सकेगी।
- केंद्र और राज्य सरकार मामलों की सुनवाई के लिए एक या अधिक अदालतें स्थापित कर सकेंगी।