राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन जल का पुन: उपयोग केंद्र बनाने संबंधी प्रस्ताव पर कर रहा विचार
By भाषा | Updated: October 29, 2021 17:04 IST2021-10-29T17:04:27+5:302021-10-29T17:04:27+5:30

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन जल का पुन: उपयोग केंद्र बनाने संबंधी प्रस्ताव पर कर रहा विचार
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमजीसी) गंदे जल को स्वच्छ बनाने एवं उसके इस्तेमाल से जुड़ी परियोजनाओं के मद्देनजर ‘‘जल का पुन:उपयोग केंद्र’’ स्थापित करने पर विचार कर रहा है।
एनएमसीजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘‘भाषा’’ को बताया, ‘‘ मिशन की हाल ही में हुई 38वीं कार्यकारी समिति की बैठक में जल का पुन:उपयोग केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। यह केंद्र विश्व स्तरीय होगा। यह परियोजना एनएमसीजी और द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (टेरी) के उत्कृष्टता केंद्र के रूप में होगी । ’’
सूत्रों ने बताया कि एनएमसीजी ने पहले भी जल के पुन:उपयोग को लेकर कुछ परियोजनाओं पर काम किया लेकिन तब तृतीयक स्तर पर जल संवर्द्धन की लागत तुलनात्मक रूप से अधिक पाई गई। इसलिए कम लागत एवं अच्छी प्रौद्योगिकी वाले नवोन्मेषी कदम उठाने की जरूरत महसूस की गई ।
उन्होंने बताया कि टेरी ने इस संबंध में एक नयी प्रौद्योगिकी ‘टेडोक्स’ विकसित की है जिसे बेहतर जल गुणवत्ता के लिये द्वितीयक स्तर पर संवर्द्धन करने के वास्ते जोड़ा जा सकता है।
एनएमसीजी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित ‘जल के पुन:उपयोग संबंधी उत्कृष्टता केंद्र’ नीति निर्माताओं, नियामक प्राधिकार, वित्तीय संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकी निर्माताओं एवं प्रदाताओं तथा उद्योगों, शहरी स्थानीय निकायों सहित उपयोगकर्ताओं के बीच कड़ी का काम करेंगे।
अधिकारी ने बताया कि बैठक में गंगा की स्वच्छता को लेकर जागरूकता एवं जनसम्पर्क कार्य के लिये ‘प्रशिक्षित पारिस्थितिकी कुशल गंगा मित्र’ की तैनाती के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया । इसके तहत प्रयागराज से बलिया तक 315 किलोमीटर गंगा क्षेत्र में इन गंगा मित्रों की तैनाती होगी।
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